- घर में रहते हुए कई तरह की बीमारियां बना रही निशाना

- डॉक्टरों से हर दिन संपर्क कर रहे सैकड़ों मरीज

- फिजिकल एक्टिविटी पूरी तरह से हो गई बंद

- 100 में से 70 परसेंट मरीजों को पॉश्चर की समस्या

छह महीने से कोरोना ने लोगों की नींद-चैन उड़ा दी है। हर दिन मरीजों की बढ़ती संख्या से लोग भले ही अलर्ट हो गए हैं, लेकिन इस चक्कर में लोग ज्यादातर समय घरों पर ही बिता रहे हैं। इससे वे कोरोना के इंफेक्शन से बचे रहे हैं, लेकिन घरों में रहना अब सिटी के लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है। घरों में रहने के कारण अब लोग ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा भी कई नई बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। ऐसे में लोग इलाज के लिए डॉक्टरों से कंसल्ट तो कर रहे हैं। जहां उन्हें दवा के साथ फिजिकल एक्टिविटी करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वे बीमारियों से बचे रहें।

लाइफस्टाइल से बढ़ रही बीमारी

नॉर्मल लाइफ में लोगों की पूरी रूटीन सेट थी। जहां सुबह उठने से लेकर रात तक का शिड्यूल तय था। इस दौरान फिजिकल एक्टिविटी, एक्सरसाइज और डाइट भी फिक्स था। घरों में रहने के कारण फिजिकल एक्टिविटी बंद हो गई है। डाइट भी पहले की तुलना में लोग ज्यादा ले रहे हैं। बाहर खाना खाने की बजाय अलग-अलग वेरायटी घरों में ही तैयार की जा रही है। इससे साफ है कि घर में लोग थोड़ा ज्यादा भी खा लेते हैं। इस वजह से बॉडी में भी कई तरह के चेंज आ रहे हैं। वहीं बॉडी में फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बढ़ गई है। इसका रिजल्ट बीमारी के रूप में सामने आ रहा है।

10 में से 3 लोगों को ब्लड प्रेशर

मेडिसीन डिपार्टमेंट में सबसे ज्यादा मरीज ब्लड प्रेशर वाले ही कंसल्ट कर रहे हैं। डॉक्टर की मानें तो ये लोग पहले ठीक थे। जैसे ही लॉकडाउन हुआ तो घरों में कैद हो गए। अब हर 10 में से 3 लोगों को ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम हो गई है। इस वजह से गुस्सा भी काफी आ रहा है। इसलिए अब वक्त है अलर्ट हो जाने का। नहीं तो हाई ब्लड प्रेशर के साथ लंबे समय तक रहना लाइफ के लिए खतरनाक हो सकता है। वहीं इसके लिए डाइट पर कंट्रोल करने की जरूरत है। वहीं एक्सपर्ट की एडवाइस पर ही फिजिकल एक्टिवटी मददगार साबित होगा।

नेक और शोल्डर इंज्यूरी की शिकायत

एक ही जगह पड़े रहने और लगातार मोबाइल-कंप्यूटर के इस्तेमाल से लोगों में पॉश्चर की समस्या हो रही है। घंटों मोबाइल देखना, लैपॉटप पर काम करने से युवाओं को ज्वाइंट पेन होने लगा है। इसकी एक बड़ी वजह वर्क फ्रॉम होम है। जहां पर लोग घरों में सोकर या जैसे-तैसे बैठकर अपना डेली वर्क निपटा रहे हैं। इसके अलावा एक ही पोज में मोबाइल-कंप्यूटर यूज करने की वजह नेक व शोल्डर इंज्यूरी की भी समस्या हो रही है। अब ऐसे लोग फिजियोथेरेपिस्ट से मदद मांग रहे हैं, ताकि उनका दर्द दूर हो सके।

डॉक्टरों की राय

जब भी लाइफस्टाइल बदलती है तो सबसे पहले इंफेक्ट शरीर पर पड़ता है। ब्लड प्रेशर के लिए लाइफस्टाल जिम्मेवार है। जिस तरह से लॉकडाउन के बाद लोग घरों में है और जी रहे है। ऐसी स्थिति में वर्कआउट भी जरूरी है। एक्टिविटी पूरी तरह से बंद हो जाने के कारण लोगों को इस तरह की समस्या आ रही है। काम का प्रेशर लंबे समय तक खतरनाक साबित होगा।

डॉ धमर्ेंद्र रजक, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट

टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर का लोगों ने इस पेंडामिक में सबसे ज्यादा यूज किया। एक ही पोज में घंटों तक पड़े रहना या काम करना अब उनके लिए मुसीबत बन गया है। सबसे ज्यादा मामले नेक और शोल्डर इंज्यूरी के है। कई लोगों ने खुद से गलत एक्सराइज भी कर लिया। जिनकी प्राब्लम काफी बढ़ गई।

डॉ अभय पांडेय, फिजियोथेरेपिस्ट

Posted By: Inextlive