-रांची नगर निगम और डीजल ऑटो एसोसिएशन के बीच पिसेंगे आम लोग

-डिमांड्स पूरी नहीं होने पर आज से अनिश्चितकालीन स्ट्राइक पर जाने का फैसला लिया है एसोसिएशन ने

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RANCHI (18 May) : रांची नगर निगम और डीजल ऑटो एसोसिएशन के बीच हुई खींचतान का खामियाजा यहां के आम लोगों को भुगतना पड़ेगा। सोमवार से रांची के हजारों की संख्या में ऑटोवाले अनिश्चितकालीन स्ट्राइक पर जा रहे हैं। नगर निगम एसोसिएशन की बात मानने को तैयार नहीं है और दूसरी ओर से ऑटो एसोसिएशन अपनी बात मनवाने को लेकर अड़ा हुआ है।

यह है मामला

रांची नगर निगम ने रांची के जितने भी ऑटो स्टैंड हैं, उनकी बंदोबस्ती के लिए टेंडर जारी किया है। वहीं, डीजल ऑटो एसोसिएशन का कहना है कि इस टेंडर को कैंसिल कर दिया जाए। जबकि, रांची नगर निगम के सीईओ मनोज कुमार का कहना है कि बिना निगम बोर्ड की सहमति के इस टेंडर को कैंसिल नहीं कर सकते हैं, यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इस बात को लेकर डीजल ऑटो एसोसिएशन ने सोमवार से अनिश्चितकालीन स्ट्राइक करने का फैसला लिया है। इस बात को लेकर ऑटो एसोसिएशन ने शनिवार को मशाल जुलूस भी निकाला है।

नहीं चलेंगे पांच हजार डीजल ऑटो

सोमवार से रांची के सभी रूट के लगभग पांच हजार डीजल ऑटो ड्राइवर्स स्ट्राइक पर रहेंगे। गौरतलब है कि यहां कई रूट पर डीजल ऑटो सबसे अधिक चलते हैं। कॉलेज या ऑफिस जाने के लिए कई लोगों को इनका सहारा लेना पड़ता है। पर, सोमवार से लोगों से यह सहारा छिन जाएगा, वह भी अनिश्चितकाल के लिए। यानी, ऑटोवालों और रांची नगर निगम के बीच की लड़ाई में आम लोगों को पिसना पड़ेगा।

ये हैं डीजल ऑटो एसोसिएशन की डिमांड्स

-परमिट के नाम पर डीजल ऑटो ड्राइवर्स को परेशान करना बंद किया जाए।

-पुलिस की ओर से बेवजह परेशान नहीं किया जाए।

-चार-पांच जगह स्टैंड में वसूली न हो और इसका टेंडर कैंसिल किया जाए।

एसोसिएशन में भी दो गुट, एक कर रहा स्ट्राइक और दूसरा कर रहा इसका विरोध

डीजल ऑटो एसोसिएशन में आपस में भी विरोध है। इसमें दो गुट हैं- एक दिनेश सोनी और दूसरा लंकेश का। इसमें दिनेश सोनी गुट ने यह स्ट्राइक कॉल किया है। इनका कहना है कि जब रांची नगर निगम और प्रशासन इनकी बात नहीं मानता, तो इन्हें तो कोई न कोई कदम उठाना ही था। लास्ट ईयर भी स्ट्राइक हुई थी और प्रशासन की ओर से वादे भी किए गए थे, लेकिन सब बेकार साबित हुए। वहीं, लंकेश गुट का कहना है कि वह इस स्ट्राइक का विरोध करता है, क्योंकि यह स्ट्राइक ड्राइवर्स के हित में नहीं है।

'यह मेरा अधिकार नहीं है कि मैं स्टैंड के टेंडर को कैंसिल कर दूं। इसके लिए निगम बोर्ड की सहमति जरूरी होती है। मैं अगर टेंडर डालने से लोगों को रोक दूं, तो मैं बोर्ड को क्या जवाब दूंगा?'

-मनोज कुमार

सीईओ, रांची नगर निगम

Posted By: Inextlive