मौसम का कहर, डेंजर लेवल पर पहुंचा यूवी
RANCHI : मौसम का कहर जारी है। आसमान से बरस रही आग में कोई कमी नहीं आ रही है तो तप चुकी धरती से गर्म हवा के थपेड़े भी लोगों को झुलसाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका है, लेकिन बढ़ते तापमान से भी ज्यादा परेशानी की बात बढ़ता अल्ट्रा वायलेट (यूवी) रेडिएशन है। शहर में यूवी रेडिएशन इंडेक्स 12 के निशान पर पहुंच चुका है, जो एक्स्ट्रीम है। यूवी का यह लेवल हमारी बॉडी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
बढ़ रहे सन बर्न के केसेजरांची में चिलचिलाती धूप के बीच अल्ट्रा वायलेट रे के एक्सट्रीम हाई लेवल पर पहुंचने की वजह से लोगों को स्किन से जुड़ी विभिन्न बीमारियां होने का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, रांची के वातावरण में यूवी का लेवल खतरनाक स्तर पर है। धूप अधिक होने की स्थिति में अल्ट्रा वायलेट रे सीधे शरीर को प्रभावित कर रही है। यूवी के कहर से स्किन पर स्पॉट भी पड़ जाते हैं, जो स्किन कैंसर का रूप ले लेते हैं। वहीं, सनबर्न के केसेज में भी तेजी से इजाफा हो रहा है।
आंखों के लिए भी खतरनाकसूरज के अल्ट्रावायलेट-रे की वजह से लोगों को आंखों की समस्या हो रही है। देर तक यूवी के रेंज में रहने से मोतियाबिंद होने की संभावना बढ़ जाती हैं। वहीं, तेज हवा के कारण धूल के कण कार्निया में चिपक जाते हैं, जिससे कि कार्नियल अल्सर होने की संभावना बन जाती है। धूप के चलते कंजक्टिवाइटिस के मरीज बढ़ रहे हैं।
क्या है यूवी अल्ट्रावायलेट एक किरण है जो सूर्य से निकलती है। ओजोन परत के नुकसान होने पर यह किरण धरती पर पहुंच कर लोगों को नुकसान पहुंचाती है। अल्ट्रावायलेट किरणों की दो कैटिगरी होती हैं। यूवीए और यूवीबी। यूवीए किरणों ज्यादा खतरनाक होती हैं क्योंकि ये त्वचा पर लंबे समय तक रहने वाले असर छोड़ती हैं। दूसरी ओर यूवीबी किरणों सनबर्न और फोटो एजिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं। यूवी इंडेक्स 1 : लो रिस्क 2 : लो रिस्क 3 : लो रिस्क 4 : मीडियम रिस्क 5 : मीडियम रिस्क 6 : मीडियम रिस्क 7 : मीडियम रिस्क 8 : हाई रिस्क 9 : हाई रिस्क 10 : वेरी हाई रिस्क 11 : एक्सट्रीम रिस्क 12 : एक्सट्रीम रिस्क यूवी अफेक्ट -आंखों में लाली -कार्नियां में दर्द -तेज धूप से झुलसती पुतली -स्किन का काला होना -धूप में रहने से जलन -स्किन में इचिंगकैसे बचें यूवी के असर से
-धूप में कम निकलें -सिर को ढंक कर रखें -यूवी प्रोटेक्शन ग्लास -लेंस को अच्छी तरह साफ कर लें -ठंडे पानी से आंखों को धोएं -आंख लाल होने पर आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें -फुल बांह के कपड़े पहने