RANCHI: स्थानीय स्तर पर पर्यावरण में बदलाव होने के कारण रविवार की सुबह रांची में काफी घना कोहरा छाया रहा। रात दो बजे से लेकर सुबह सात बजे तक पूरी रांची घने कोहरे के छाये में रही। एक कदम आगे की चीज भी कोहरे के कारण नजर नहीं आ रही थीं। धूप बढ़ने के साथ धीरे-धीरे कोहरे का असर कम होने लगा।

भ्0 मीटर न्यूनतम विजिबिलिटी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रांची केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि रांची में कोहरे का प्रभाव न्यूनतम भ्0 मीटर विजिबिलिटी दर्ज की गई। तापमान में गिरावट होने के कारण कोहरे का मौसम बना हुआ है। यह स्थानीय पर्यावरण में बदलाव के कारण हो रहा है। कोहरा के हटते ही रांची में कड़ाके की ठंड शुरू हो जाएगी।

ठंड में आई कमी

भारतीय मौैसम विज्ञान केंद्र रांची के अनुसार झारखंड समेत रांची में ख्ब् घंटे के अंतराल में मौसम शुष्क रहा। कोहरे के कारण रांची में न्यूनतम तापमान क्फ्.म् डिग्री सेल्सियस से बढ़कर क्भ्.ब् डिग्री तक पहुंच गया। कोहरे के कारण रांची में ठंड कम रहा। पूर्वानुमान है कि छह दिनों तक रांची में कोहरे का असर रहेगा। लेकिन कोहरा का प्रभाव खत्म होते ही कड़ाके की ठंड शुरू हो जाएगी।

ज्यादा बारिश व मिट्टी में नमी से कोहरा

पर्यावरणविद डॉ। नीतिश प्रियदर्शी का कहना है कि इस बार बारिश खूब हुई, जिससे मिट्टी में नमी ज्यादा है। इस कारण भी कोहरा बनने की प्रक्रिया बढ़ गई है। वैसे रांची में कोहरा पहले तुलनात्मक दृष्टिकोण से कम बनता था। हाल के वर्षो में यह सिलसिला तेज हुआ है। पहले कुछ समय यानी दो-तीन घंटे के लिए कोहरा बनता था, लेकिन शनिवार की रात कोहरा आधी रात के बाद से ही बनने लगा। फिलहाल नमी यानी ह्यूमिडिटी अपने चरम स्तर पर है। लेकिन इस बात का ख्याल रखना है कि फॉग के साथ स्मॉग का मिश्रण नहीं हो। स्मॉग यानी धुआं प्रदूषण के कारण बनता है। यह जब फॉग यानी कोहरे के साथ मिल जाता है, तो दृश्यता में बहुत कमी आ जाती है। इससे हादसे होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है। इससे सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी हो सकती है।

Posted By: Inextlive