RANCHI : नरेंद्र मोदी के सत्तारोहण के बाद देश के कई राज्यपालों को लेकर तरह-तरह की खबरें सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर झारखंड के राज्यपाल डॉ सैयद अहमद को लेकर भी है। खबर यह कि महामहिम ने रांची नगर निगम के मेयर पद के लिए सोमवार को हुई वोटिंग में हिस्सा लेना मुनासिब नहीं समझा। उनका नाम रांची के वोटर लिस्ट में शामिल है। अव्वल तो यह कि एटीआई के बूथ नंबर-15 (जहां राज्यपाल को वोट डालना था) पर सिर्फ 126 लोगों ने वोट डाला। यहां कुल 998 वोटरों को वोट देना था। मतलब यह कि राज्यपाल समेत तमाम वीआईपी वोटिंग के दिन छुट्टी मनाते रहे।

सारी सर, आपको वोट देना चाहिए था

जम्हूरियत के सबसे बड़े जलसे में शामिल नहीं होने वालों में राज्यपाल डॉ सैयद अहमद के अलावा कद्दावर कांग्रेसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का नाम भी शामिल है। वह मेयर चुनाव के दिन दिल्ली में रहे। उन्होंने रांची आकर वोटिंग में शामिल होना गैरजरुरी समझा। तमाम योजनाओं के संचालन और जनता के बीच उनके प्रचार-प्रसार के लिए जिम्मेवार वरिष्ठ नौकरशाहों ने भी वोटिंग के दिन छुट्टी मनाई। दर्जनों आईएएस व आईपीएस अफसरों ने मेयर चुनाव में वोट नहीं दिया। इस दिन सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई थी। रांची के डीसी के अनुरोध पर तमाम मार्केटिंग काम्पलेक्स और बाजार भी दिन में बंद रहे। इसके बावजूद वोटिंग में शामिल नहीं होने वाले वीआईपीज की संख्या दर्जनों में है। इनमें से कई ने पार्लियामेंट के चुनाव के दौरान वोट देने के बाद अपनी तस्वीरें फेसबुक पर शेयर की थी।

यह खास-रोड है

एटीआई स्थित बूथ संख्या 15 पर गर्वनर का वोटिंग लिस्ट में नाम था लेकिन गर्वनर ने अपने वोटिंग राइट को इस्तेमाल नहीं किया। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक इस पोलिंग बूथ पर गर्वनर का लोग वोट करते रहे लेकिन वह वोट डालने राजभवन से बाहर नहीं निकले। गर्वनर इस दिन रांची में थे और राजभवन सूत्रों के मुताबिक उनकी तबीयत भी बिल्कुल दुरूस्त थी। इसके बावजूद राज्य के पहले नागरिक ने रांची के पहले नागरिक के चुनाव में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

हम किसी से कम नहीं

गर्वनर डॉ। सैयद अहमद की तरह झारखंड के अधिकतर वीआईपी ब्यूरोक्रेट जिनका नाम रांची नगर निगम मतदाता सूची में था उन्होंने भी अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल नहीं किया। एटीआई स्थित बूथ संख्या 14 और बूथ संख्या 15 मॉडल पोलिंग बूथ है। इन बूथों पर झारखंड गर्वमेंट के दर्जन भर सेक्रेटरी के नाम भी मतदाता सूची में दर्ज हैं। लेकिन इन दोनों बूथों पर पोलिंग की हालत शर्मनाक रही। बूथ संख्या-14 पर कुल 809 वोटर थे। इनमें से सिर्फ 108 लोगों ने अपना वोट डाला। इसी तरह बूथ संख्या-15 के कुल 998 वोटरों में से सिर्फ 126 ने वोट डाला।

सुबोधकांत भी रहे गायब

वोट करना हमारे लिए बहुत जरूरी है। यह हर नागरिक का कर्तव्य है, दो महीने पहले रांची संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते समय सुबोधकांत सहाय मतदाताओं के बीच यह बात दोहराते थे। जब मेयर चुनाव में मंडे को वोट डालने की बारी आई तो सुबोधकांत सहाय ने नहीं वोट नहीं डाला। सुबोधकांत सहाय और उनकी पत्‍‌नी रेखा सहाय का नाम एचइसी महिला समिति भवन के बूथ नंबर 299 पर था।

वेलडन मि। सीएम

इन तमाम निगेटिव खबरों के बीच पाजिटिव यह कि झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी पत्‍‌नी कल्पना सोरेन के साथ हरमू के सेंट फ्रांसिस स्कूल मतदान केंद्र पर वोट डाला। उन्होंने कम वोटिंग को लेकर चिंता भी जाहिर की। सीएम ने कहा कि मेयर प्रमुख पद होता है इसलिए हमें इस चुनाव में अपने वोटिंग राइट का जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।

Posted By: Inextlive