डीजे आईनेक्स्ट के अवेयरनेस ड्राइव को ट्रैफिक डीएसपी ने सराहा. अपील की-टू व्हीलर चलाते वक्त जरूर पहनें हेलमेट


रांची(ब्यूरो)। हेलमेट हमारे सिर की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। टू व्हीलर चलाते समय हेलमेट हर हाल में पहनना चाहिए। कानूनी रूप से यह अनिवार्य तो है ही, साथ ही खुद की सुरक्षा के लिए भी यह बेहद जरूरी है। हेलमेट को सिर का बोझ न समझें और वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट का यूज करें। यह कहना है जमशेदपुर के ट्रैफिक डीएसपी कमल किशोर का। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के अभियान 'सेफ्टी फस्र्ट हेलमेट मस्टÓ के तहत ट्रैफिक डीएसपी ने अखबार के साथ अपनी बातें शेयर कीं। उन्होंने कहा-दुर्घटना से बेहतर है कि समझदारी से काम लें। उन्होंने ट्रैफिक सेफ्टी से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी बातें रखीं और लोगों से यातायात सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की।हेलमेट क्यों है जरूरी
एमवी एक्ट के मुताबिक टू व्हीलर ड्राइवर करते वक्त हेलमेट पहनना चाहिए। हेलमेट शरीर के सबसे नाजुक अंग की सुरक्षा करता है। एक्सीडेंट या किसी प्रकार की चोट लगने पर काफी गंभीर स्थिति बन जाती है। उससे बचने के लिए हेलमेट पहनना जरूरी होता है। सड़क हादसों में जान गंवाने वाले ज्यादातर वैसे लोग होते हैं, जिन्होंने हेलमेट नहीं पहन रखा होता है। वहीं कई बार देखा गया है कि मेजर एक्सीडेंट में भी हेलमेट की वजह से चालक को मामूली चोट लगती है।


पीलियन राइडर को भी जरूरीजी हां, सिर्फ चालक ही नहीं बल्कि पीछे बैठे व्यक्ति के लिए भी हेलमेट पहनना उतना ही जरूरी है। जितना ड्राइवर के लिए जरूरी है। यातायात नियमों में भी यह शामिल है। पीलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना चाहिए। चालक और बैठने वाले व्यक्ति दोनों की सुरक्षा को देखते हुए हेलमेट अनिवार्य किया गया है। जमशेदपुर में अब कई लोग नियमों का पालन करने लगे हैं। हालांकि, अभी इसमें और सुधार की जरूरत है। क्या क्वालिटी मायने रखता हैहेलमेट की क्वालिटी से काफी मायने रखता है। लोग सिर्फ पुलिस से बचने के लिए सस्ता और खराब क्वालिटी वाला हेलमेट खरीद कर पहन लेते हैं, जिससे सिर की सुरक्षा भी नहीं हो पाती। एक्सीडेंट होने पर खराब क्वालिटी वाला हेलमेट टूट जाता है, और सिर में भी चोट लगती है। रोड किनारे बिकने वाले हेलमेट न पहनें। यह आपकी सुरक्षा से जुड़ी बात है इसलिए ब्रांडेड और बेहतर क्वालिटी वाले हेलमेट का ही इस्तेमाल करें।एमवी एक्ट में क्या प्रावधान हैं

ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करना जरूरी है। लोगों को चाहिए कि वे मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों को मानें, ताकि सेफ्टी को सुनिश्चित किया जा सके। अगर आप फोर व्हीलर ड्राइव कर रहे हैं, तो सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। चालक के साथ ही कार में बैठे व्यक्ति को भी सीट बेल्ट लगाना चाहिए। सुरक्षित सफर के लिए क्या करेंसुरक्षित सफर के लिए एमवी एक्ट के नियमों का पालना करना चाहिए। इसके साथ ही ड्रिंक एंड ड्राइव वाली स्थिति से बिल्कुल परहेज करना चाहिए। रोड पर स्टंट और रैश ड्राइविंग से भी दूर रहने की जरूरत है।कई बार पुलिस जांच पर सवाल उठते हैैं पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए ही है। जहां तक जांच की बात है तो पुलिस केवल फाइन के लिए रोड पर जांच नहीं करती। जांच इसलिए की जाती है, ताकि लोगों में मोटर व्हीकल एक्ट के उल्लंघन की प्रवृति को दूर किया जा सके।व्हीकल में मॉडिफिकेशन रूल क्या कहता हैहां, व्हीकल में अपने हिसाब से मॉडिफिकेशन नहीं करना चाहिए। कई लोग बाइक में मॉडिफाइड साइलेंस लगवाते हैं। उनसे अलग तरह की आवाज निकलती है, जो नियमानुसार गलत है। इसपर जुर्माना का प्रावधान है। इसके अलावा रैश ड्राइविंग पर भी रोक है। पकड़े जाने पर जुर्माना का प्रावधान है।लोगों के लिए कोई सुझाव या अपील
मैं लोगों से यही कहना चाहूंगा कि वे यातायात नियमों का पालन करें। पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए है और वे हेलमेट और सीट बेल्ट लगाकर ड्राइव करें और एक बेहतर नागरिक होने का परिचय दें। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का 'सेफ्टी फस्र्ट हेलमेट मस्टÓ यह प्रयास काफी सराहनीय है। सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करने की यह पहल बेहतर है। सभी जनता से यह अपील है कि वे हेलमेट जरूर पहनें। इसके अलावा यातायात के सभी नियमों का जरूर पालन करें। जिस प्रकार विभिन्न बीमारियों से बचने के हम उपाय करने के साथ ही सचेत रहते हैं। ठीक उसी प्रकार बाइक सवारों को दुर्घटनाओं से सिर बचाने के लिए हेलमेट का इस्तेमाल करना चाहिए। फैमिली और स्कूल का भी यह नैतिक दायित्व होना चाहिए कि वे हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करें। वहीं, अभिभावक नाबालिग बच्चों को बाइक देकर उनका जीवन तबाह न करें। दुर्घटना से बेहतर है समझदारी से काम लिया जाए।

Posted By: Inextlive