RANCHI : संस्कृत कॉलेज , किशोरगंज के जमीन का मामला सुलझा लिया गया है। अब कॉलेज का कंस्ट्रक्शन वर्क जल्द ही शुरू होगा। बुधवार को एसडीओ अमित कुमार, डीएसई शिवचरण मरांडी और राजकीय संस्कृत उच्च विद्यालय के प्रिंसिपल हरिहर कृपालु की मौजूदगी में हुई मीटिंग में दोनों पक्ष जमीन विवाद निपटारे को लेकर सहमत हो गए।

रास्ता के लिए 13 फीट

एसडीओ अमित कुमार ने संस्कृत विद्यालय का गेट दीवार के कोने में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कॉलेज मैनेजमेंट को भी संस्कृत उच्च विद्यालय जाने के लिए 13 फीट का रास्ता छोड़कर बाउंड्री देने को कहा। एसडीओ ने 24 घंटे के अंदर कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू करने और बाउंड्री को शिफ्ट करने का आदेश दिया। हालांकि, जबतक13 फीट का रास्ता नहीं खुल जाता है, तब तक स्कूल के टीचर्स व स्टाफ्स आने-जाने के लिए कॉलेज के रास्ते का इस्तेमाल करेंगे। एसडीओ के फैसले को स्कूल और कॉलेज मैनेजमेंट ने मान लिया है।

1.14 करोड़ की लागत से बनेगी बिल्डिंग

एचआरडी की पहल पर 1.14 करोड़ रुपए की लागत से संस्कृत कॉलेज की नई बिल्डिंग बनेगी। टेंडर जारी होने के बाद ठेकेदार ने कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू किया था, लेकिन जमीन को लेकर विवाद होने के बाद प्रशासन के आदेश पर काम बंद कर देना पड़ा था।

क्या है मामला ?

राजकीयकृत संस्कृत महाविद्यालय 1953 से ही स्टेट गवर्नमेंट के अधीन है। कॉलेज कैंपस के लिए 2.22 एकड़ जमीन दान में दी गई थी। स्टेट गर्वमेंट ने 1982 में इस कॉलेज को अंगीभूत कॉलेज बनाकर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अधीन कर दिया था। झारखंड बनने के बाद यह कॉलेज विनोबा भावे यूनिवर्सिटी हजारीबाग के अधीन कर दिया गया। इसके बाद कॉलेज की नई बिल्डिंग बनाने के लिए टेंडर जारी हुआ। जब बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू हुआ तो संस्कृत स्कूल का रास्ता बंद कर दिया गया। ऐसे में स्कूल की ओर से प्रशासन को रास्ता बंद किए जाने की जानकारी दी गई थी।

Posted By: Inextlive