Confusion ही Confusion है solution का कुछ पता नहीं
Dealers भी हैं confused
चुटिया स्थित इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी के संचालक एफजेसीसीआई की पेट्रोलियम कमिटी के चेयरमैन डॉ रवि भट्ट गैस सिलिंडर लेने के दोहरे सिस्टम पर कहते हैं कि इसे लेकर वह भी कंफ्यूज्ड हैं। बिना आधार वाले को 441.50 पैसे में और आधार वाले को 1239 रुपए में गैस सिलिंडर दिया जा रहा है। अभी यह दोनों ही सिस्टम चल रहा है। इससे कंज्यूमर्स भी कन्फ्यूज्ड हैं, क्योंकि गैस देने के सिस्टम को लेकर पेट्रोलियम मिनिस्ट्री की ओर से कोई निर्देश नहीं आया है। इधर, मिनिस्टर वीरप्पा मोइली ने बयान दिया है कि गैस के दाम दोगुने होंगे। हालांकि, हमारे पास जो इनफॉर्मेशन है, उसके अनुसार एक अप्रैल से पूरा सिस्टम चेंज होनेवाला है। एक अप्रैल से कंज्यूमर को सिसडी के 12 सिलिंडर मिलेंगे, लेकिन सिसडी देने का तरीका क्या होगा यह हमें भी अभी पता नहीं है।सब्सिडी का है चक्करगैस डिस्ट्रीयूशन की दोहरी प्राइसिंग पर इंडियन ऑयल लिमिटेड के झारखंड के चीफ एरिया मैनेजर उदय कुमार ने कहा कि गैस सिसडी को लेकर प्रॉब्लम तो है, पर क्या करें? हमें तो गवर्नमेंट जो सिस्टम देगी, उसी पर काम करना होगा। सिस्टम तो यह होना था कि पूरे देश में आधार के जरिए सिसडी दी जानी थी। केरल और आंध्र प्रदेश में यह लागू हो भी गया था, पर पॉलिटिकल रीजन्स से यह मामला लटक गया। ऐसा नहीं हुआ होता, तो झारखंड के 12 डिस्ट्रिक्ट्स में यह स्कीम लागू हो गई होती। अब जब तक सिसडी को लेकर गवर्नमेंट की ओर से कोई दिशा-निर्देश नहीं आता है, तब तक तो सिस्टम ऐसे ही चलेगा।
Dual pricing से दिक्कत होगीउदय कुमार कहते हैं- गैस सिसडी के सिस्टम में दिक्कत की बड़ी वजह डूअल प्राइसिंग है। जब तक दोहरी प्राइस पर गैस सिलिंडर मिलेंगे, तब तक दिक्कत होगी। हमारा जो सर्वे है, उसके अनुसार गैस के 50 परसेंट कंज्यूमर्स का काम साल में छह सिलिंडर्स से चल जाता है। ये ऐसे लोग हैं, जिनके परिवार में हसबैंड-वाइफ और बच्चे हैं। अगर आधार लागू होता, तो सिलिंडर्स की लैक मार्केटिंग रुकती। क्योंकि, सिसडी की रकम सीधे कंज्यूमर के खाते में जाती, पर पॉलिटिकल रीजन्स से इसपर रोक लग गई।VAT पर govt। को लेना है decisionआधार से लिंक करा चुके एलपीजी कंज्यूमर्स को एक तो पैसा ज्यादा देना पड़ रहा है, वहीं उसे वैट के रूप में भी एक्स्ट्रा कीमत चुकानी पड़ रही है, ऐसा क्यों? इस सवाल के जवाब में उदय कुमार ने कहा कि वेस्ट बंगाल में वैट जीरो है, तो वहां एलपीजी कंज्यूमर्स को कोई एक्स्ट्रा पैसे नहीं देने पड़ रहे हैं। अब एलपीजी पर झारखंड गवर्नमेंट वैट ले रही है, तो कंज्यूमर्स को देना पड़ रहा है। वैसे इसे खत्म करने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने झारखंड गवर्नमेंट को लेटर लिखा है। इसपर स्टेट गवर्नमेंट को डिसीजन लेना है। जहां तक कंज्यूमर्स को एलपीजी की सिसडी बैंक में ट्रांसफर करने में दिक्कत होने का मामला है, तो यह अमाउंट हर महीने के फस्र्ट वीक में ट्रांसफर हो जा रही थी। इस महीने बैंक्स की स्ट्राइक से इसमें थोड़ी दिक्कत आई है, नहीं तो पूरा सिस्टम दुरुस्त था।