मिश्री व सिंदूर के धमाकों से दहलता है झारखंड!
RANCHI: मिश्री जहां मिठास देती है, वहीं सिंदूर को सुहागिनों के सिर का ताज माना जाता है। कोई सोच भी नहीं सकता कि ये नाम मौत के परकाले साबित हो सकते हैं। आपसी बातचीत में भी मिश्री -सिंदूर जैसे शब्दों का प्रयोग आम है। लेकिन, नक्सलियों के लिए यह केवल शब्द नहीं विस्फोटकों के कोड हैं। जी हां, नक्सलियों ने अब इन आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग होने वाले वस्तुओं के नाम को विस्फोटकों का कोडनेम बना डाला है। इन कोड नेम के जरिए नक्सलियों की एक-दूसरे से बातचीत होती है और विस्फोटकों का जखीरा तय स्थान पर पहुंच जाता है। गंभीर बात है कि रोजमर्रा की इस्तेमाल वाली इन वस्तुओं के नामों का कोड पुलिस के लिए भी गुत्थी बन जाता है। सोडा, साबूदाना, काला सीमेंट, पोटीन, ठंडी चीनी जैसे शब्दों को सुनकर कई बार स्पेशल ब्रांच के दिग्गज और टेक्निकल सेल के एक्सपर्ट्स भी मात खा जाते हैं।
आर्डर से लेकर डिलीवरी तक सेटनक्सलियों द्वारा इस कोडनेम का इस्तेमाल सप्लायरों को ऑर्डर देने से लेकर डिलीवरी तक किया जाता है। इतना ही नहीं, डिलीवरी होने के बाद विस्फोटकों को इंस्टॉल करने के लिए भी इन्हीं कोडनेम का इस्तेमाल किया जाता है। पुलिस के फोन सर्विलांस में लगातार इन नामों का आना पुलिस के लिए खतरे की घंटी बन गई है।
। किस विस्फोटक का क्या है कोडनेम विस्फोटक कोडनेम 1. पोटाशियम नाइट्रेट मिश्री 2. पोटाशियम डाइक्रोमेट सिन्दूर 3. पोटाशियम क्लोरेट सोडा 4. अमोनियम नाइट्रेट साबूदाना 5. अल्यूमिनियम पावडर काला सीमेंट 6. मैग्नीशियम पावडर पोटीन 7. आइसिंग सुगर ठंडा चीनी एथिल अल्कोहल 8. सल्फ्यूरिक एसिड गुलाब जल 9.नाइट्रिक एसिड गुलाब जल 10. सुक्रोस सुगर फ्री 11. पेट्रोलियम जेली मलहम 12. सिल्का जेली नामी सोखता 13.नेप्थलिन बॉल बाल 14. नाइट्रो बेंजीन कीटनाशक पुलिस पर हमले के लिए अम्बुश और बूबी ट्रैप नक्सलियों द्वारा पुलिस पर हमले के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले टैक्टिस हैं अम्बुश और बूबी ट्रैप। अम्बुश द्वारा निर्धारित स्थान को घेरकर हमला किया जाता है जबकि बूबी ट्रैप में फंसाकर नक्सली हमले को अंजाम दिया जाता है। नक्सलियों के बूबी ट्रैप हैं जानलेवा नक्सलियों द्वारा बूबी ट्रैप कर हमला किया जाता है। इस ट्रैप में गढ्डे वाला ट्रैप, छोटे गढ्डे, बड़े गड्ढे, संतरी के सामने रुकावट, सुर्खी मिर्च, मिर्च पावडर ट्रैप और स्नायेर ट्रैप लगाए जाते हैं। स्नायेर ट्रैप व मिर्च पावर से पुलिस पार्टी परेशानहाल के दिनों में नक्सलियों द्वारा सबसे अधिक स्नायेर ट्रैप और मिर्च पावडर का इस्तेमाल कर पुलिस टीम को परेशान किया गया है। स्नायेर ट्रैप के दौरान जानवरों को पकड़ने के लिए बनाए गए बांस के फंदे का इस्तेमाल कर पुलिस टीम को बंदी बनाया जाता है। वहीं मिर्ची पावडर को घरों के दरवाजे के पास इस तरह लगाया जाता है कि तोड़फोड़ होने पर पावडर उड़ने लगता है जिससे आंखों को भारी नुकसान होता है।
वर्जन पुलिस हर मोर्चे पर मुस्तैद है और नक्सलियों के किसी भी घातक मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। खुफिया जानकारियों को साझा नहीं किया जा सकता, लेकिन पुलिस टीम हर तरह के हमले और टैक्टिस से निपटने में सक्षम है। आशीष बत्रा, आईजी आपरेशन