रांची: राजधानी वासियों को स्मार्ट सिटी में सब कुछ स्मार्ट होने के सपने दिखाए गए थे। रोड, नाली, बिजली, आवास समेत जनता की मूलभूत सुविधाओं को स्मार्ट बनाने का वादा किया गया था। लेकिन राजधानी रांची में अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिसे देखकर यह कहा जा सके कि अपना शहर स्मार्ट हो गया है। यहां अब भी उसी तरह गंदगी का अंबार लगा रहता है जैसा पहले हुआ करता था। आज भी टूटी सड़कें और ओवरफ्लो नालियों से गंदा पानी रोड पर बहता है। इसी तरह बिजली के सेक्टर में भी राजधानी रांची में कोई क्रांतिकारी बदलाव नहीं हुआ। दुर्भाग्य तो इस बात का है कि रात के अंधेरे में भी रोड पर चलने के लिए लोगों को रौशनी देने में सरकार फेल रही है। रातू रोड, पिस्का मोड़ जैसे इलाके में रात के अंधेरे में बिल्कुल सड़कें अंधेरी पड़ जाती हैं। दरअसल, रातू रोड इलाका में रात के दस बजे के बाद इलेक्ट्रिक पोल पर लगी सभी लाइट्स बंद हो जाती हैं, जिससे रात के अंधेरे में सड़क पर चलने में भय का माहौल बना रहता है।

अंधेरे का फायदा उठाते है अपराधी

सड़कों पर लाइट नहीं जलने का फायदा आपराधिक छवि वाले लोग उठाते हैं। दस बजे के बाद ही बाहर निकलने में लोगों को डर लगने लगता है। रात के समय यात्रा करने वाले लोग गाडि़यों की रौशनी की मदद से आना-जाना करते हैं। रात के अंधेरे का फायदा उठाकर आपराधिक छवि वाले लोग लूट-मार, छिनतई एवं चोरी भी करते हैं। रातू रोड चौक से गुजर रहे एक राहगीर ने कहा कि कहने को यह राजधानी है, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे लगे की हमलोग राजधानी में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक कंपनी नाइट ड्यूटी करती है। महीने में 15 दिन सड़क की लाइट खराब रहती है। काफी परेशानी होती है। लेकिन गाड़ी की रौशनी की मदद से सड़क देखकर चलते हैं। रातू रोड की यह हालत देखकर सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि गलियों में लगाई गई स्ट्रीट लाइट में कितनी जलती होंगी।

घट चुकी हैं कई घटनाएं

केस-1

पिस्का मोड़ से आगे आईटीआई रोड में कुछ दिन पहले ही एक बाइक सवार महिला से सामान छीनकर भागने का प्रयास कर रहा था। लेकिन महिला के शोर मचाने के बाद वह बाइक सवार सामान छोड़ ईटकी रोड की ओर भाग गया। महिला ने बताया कि रोड में लाइट नहीं जलने की वजह से वह अपराधी को पहचान नहीं पाई। जबतक लोग जुटते इतने देर में वह युवक भाग चुका था। इलेक्ट्रिक पोल की लाइट जलती तो कोई भी अपराधी ऐसी हिम्मत नहीं करता।

केस-2

बीते सप्ताह रात दस बजे ड्यूटी से लौट रही एक युवती के साथ कुछ मनचलों ने छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया। लाह कोठी रिलायंस फ्रेश के पास यह वारदात हुई। उस वक्त रातू में लगी एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही थी। अंधेरे में बैठकर कुछ युवक शराब पी रहे थे। उसी वक्त ड्यूटी से अपनी स्कूटी में लौट रही युवती को रोककर छेड़छाड़ करने प्रयास किया गया। लड़की खुद का बचाते हुए उस स्थान से भागने में सफल रही।

केस-3

पिछले महीने रातू रोड से थोड़ी दूरी पर पिस्का मोड़ की ओर जाने वाली सड़क के किनारे स्थित मोबाइल दुकान में चोरों ने घुस कर मोबाइल फोन समेत कुछ कैश चोरी कर ली। सभी चोर रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए दुकान का छप्पड़ तोड़कर अंदर दाखिल हुए थे। इसी प्रकार जुलाई महीने में भी रातू रोड एरिया में ही दुकान से चोरी का मामला सामने आया था।

नहीं रहती पुलिस की टीम

रात के अंधेरे में सिर्फ लाइट की ही परेशानी नहीं है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी काफी खतरनाक हो जाता है, रात के वक्त राजधानी में सफर करना। दरअसल रातू रोड में कहीं भी पुलिस का पहरा तक नहीं होता। सिर्फ चौक-चौराहों और पुलिस पोस्ट पर ही पुलिस की एक्टिविटी रहती है। जबकि अन्य सड़कों पर पूरा सन्नाटा पसरा रहता है। रातू रोड से आगे राजभवन और मेन रोड पर पुलिस एक्टिव रहती है। लेकिन रातू रोड, लाहकोठी, पिस्का मोड़ पर एक भी पुलिसकर्मी नजर नहीं आते।

Posted By: Inextlive