साइबर फ्राड ने डॉक्टर्स के ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट को बनाया नया हथियार. इंटरनेट पर डॉक्टर्स की लिस्ट डालकर ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के बहाने कर रहे ठगी. फॉर्म भरवाने के बाद अकाउंट से उड़़ा ले रहे पैसे.


रांची (ब्यूरो)। पिठोरिया के रहने वाले श्रीधर शुक्ला के चेहरे से इन दिनों हंसी गायब है। पहले से ही सिर दर्द से परेशान श्रीधर की मुश्किलें और बढ़ गई हैैं। डॉक्टर का ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के नाम पर साइबर ठगों ने उनका अकाउंट खाली कर दिया। वे पहले ऐसे आदमी नहीं हैैं, जिन्हें साइबर क्रिमिनल्स ने अपना शिकार बनाया है। नगड़ी के रहनेवाले अशोक कुमार वर्मा भी इस लिस्ट में शामिल हैैं। डॉक्टर के ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के नाम पर साइबर क्रिमिनल्स ने खाते से 86,000 रुपए उड़ा लिये। अगर आप भी डॉक्टर का ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ले रहे हैैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि अगला शिकार आप भी हो सकते हैैं। साइबर ठगों का नया हथियार


इन दिनों साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया फार्मूला निकाला है। डॉक्टर्स के ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट को अपराधी अपना हथियार बना रहे हैं। आज की भाग-दौड़ वाली जिदंगी में लोग समय बचाने के लिए ऑनलाइन ही डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट ले रहे हैैं और साइबर ठगों के शिकंजे में आ रहे हैैं। ऐसे में मरीजों का इलाज तो दूर बीमारी और बढ़ जाती है। ऐसे दे रहे ठगी को अंजाम

साइबर अपराधियों ने स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की लिस्ट, उनके नाम, कॉन्टेक्ट नंबर और स्पेशिलाइजेशन का ब्योरा इंटरनेट पर डाल रखा है। इसमें अपराधियों ने सपंर्क नंबर में अपना नंबर डाल दिया है। डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट लेने के लिए लोग जब दिए गए साइट पर ऑनलाइन प्रोसेस करते हैं। उसमें रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ मामूली शुल्क जमा करने को कहा जाता है। लोग शुल्क भी जमा कर देते हैं। इसके बाद एक फॉर्मेट दिया जाता है, जिसे पूरा भर कर सबमिट करने के लिए कहा जाता है। इस फार्मेट में नाम, पता, फोन नंबर, बीमारी क्या और कब से है समेत अकाउंट नंबर भी मांगे जाते हैं। फार्मेट भरकर सबमिट करने के बाद मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाता है, जिसे बताने पर अप्वाइंटमेंट कंफर्म होने की बात कही जाती है। इसी ओटीपी में सारा खेल छिपा होता है। जैसे ही अपराधियों को ओटीपी का पता चलता वे लोग इससे बैंक खाते को खाली कर देते हैं। ये भी हैं ठगने के तरीके साइबर ठगों द्वारा कभी बैंक कर्मी, कभी सरकारी कर्मी बनकर तो कभी बंपर लॉटरी का लालच देकर लोगों को ठगने का तरीका पुराना हो गया है। हाल के दिनों राजधानी रांची में ट्रैफिक चालान और बिजली बिल जमा करने में भी साइबर ठगी का मामला देखा गया था। हाल में हुए कुछ मामले केस 1

पिठोरिया निवासी श्रीधर शुक्ला ने शहर के जाने-माने न्यूरो सर्जन से इलाज के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लिया था। जब वे क्लिनिक पहुंचे तो उन्हें मालुम हुआ कि उनके नाम से कोई नंबर नहीं लगा है। इसके बाद उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ। उन्होंने बैंक खाता चेक किया तो उसमें से 69 हजार रुपए उड़ा लिए गए थे। श्रीधर में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। केस 2 नगड़ी के रहनेवाले अशोक कुमार वर्मा को हड्डी की शिकायत थी। इलाज के लिए उन्होंने आर्थोपेडिक्स डॉक्टर का ऑनलाइन नंबर लगाया। जब वे इलाज के लिए गए तो स्टाफ ने बताया कि नंबर लगाने के लिए ऑनलाइन सुविधा ही नहीं है। अकाउंट चेक करने पर पता चला कि साइबर ठगों ने 86,000 रुपए निकाल लिए हैैं एक्सपर्ट का है कहना आज की बिजी लाइफ में इंटरनेट काफी हेल्फफुल है, लेकिन इसका नुकसान भी है। किसी भी तरह का ऑनलाइन प्रोसेस करते हुए यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि ओटीपी अंजान शख्स से शेयर न हो। -सुमित कुमार, साइबर एक्सपर्ट किया गया है अलर्ट ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के नाम पर धोखाधड़ी के कुछ मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए आम लोगों को अलर्ट किया गया है। -यशोधरा, साइबर डीएसपी

Posted By: Inextlive