- युवक का मोबाइल हुआ गायब

- पुलिस ने दो दिन पूछताछ के बाद छोड़ा था, फिर भी ले लिए मोबाइल

RANCHI: पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर समरेंद्र प्रताप गोलीकांड में पुलिस ने शक के आधार पर एक युवक को हिरासत में लिया था। युवक के हिरासत में लिए जाने के कारण उसके परिजन चिंतित हो गए। उनलोगों ने पैरवी करनी शुरू कर दी। हालांकि, युवक का समरेंद्र प्रताप गोलीकांड में कोई संलिप्तता नहीं होने के कारण उसे तीन दिनों तक बरियातू थाना में रखने के बाद पीआर बांड पर छोड़ दिया गया। लेकिन, जिन पुलिस अधिकारी ने उसे उसके घर से उठाया था। उसे छोड़ने के एवज में क्म् हजार रूपए का मोबाइल खरीदवा लिया।

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, ख्ख् नवंबर को लवकुश शर्मा और शार्गिदों ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर समरेंद्र प्रताप को गोली मारी थी। गोली मारने के बाद समरेंद्र प्रताप को मेडिका में भर्ती कराया गया। जहां समरेंद्र प्रताप का इलाज होने के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए मेदांता दिल्ली रेफर कर दिया गया। उसी क्रम में एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की टीम ने लवकुश शर्मा के करीबियों व दोस्तों को उठाने का काम करने लगी। उन्हीं में एक युवक को भी हिरासत में लिया गया था। वह युवक लवकुश शर्मा का पड़ोसी था।

एक बॉडीगार्ड ने बताया था उसका पता

रांची जिले में पदस्थापित एक बॉडीगार्ड ने उक्त पुलिस अधिकारी को युवक के घर का पता बताया था। बॉडीगार्ड ही उसे पकड़ कर लाया था और पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। सुपुर्द करने के बाद युवक के पास एंड्रायड फोन भी था। जिसे पुलिस वालों ने रख लिया। युवक को छुड़ाने के लिए उसके परिजन थाना गए। उनलोगों ने कहा कि यदि वह दोषी है तो जेल भेज दिया जाए। अन्यथा उसे छोड़ दिया जाए। इस पर पूछताछ कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कांड में संलिप्त नहीं पाए जाने पर छोड़ दिया जाएगा। पर, परिजन शांत नहीं रहे। वह एक पुलिस अधिकारी के पास गया तो उसने छुड़ाने के नाम पर क्म् हजार की मोबाइल खरीदवा ली। जबकि युवक पहले ही छूट चुका था।

क्वोट

यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच होगी और पीडि़त से पूछताछ होगी। इसके बाद फिर उक्त पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई चलाई जाएगी।

प्रभात कुमार

एसएसपी, रांची।

Posted By: Inextlive