रांची में कदम कदम पर छलकेंगे जाम
RANCHI : अब शहर में मयखानों की संख्या बढ़ने वाली है। जिसके बाद जाम के शौकिन लोग सड़क पर और हाता में जाम से जाम टकराते हुए कम नजर आएंगे। अपने इस मकसद को अमलीजामा पहनाने के लिए उत्पाद विभाग लाइसेंसी बार की संख्या बढ़ाने के लिए बार देने के लाइसेंस प्रॉसेस में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस बदलाव के बाद बार के लाइसेंस लेने के लिए आठ जगहों के बजाए सिर्फ दो जगह से ही एनओसी लेना होगा। इससे दो फायदे होंगे, एक तो सिटी में बार खोलना आसान होगा, दूसरा बार की संख्या बढ़ने से विभाग को भी रेवेन्यू में इजाफा होगा।
फीस घटाई, 18 से हुआ 9 लाखशराब के शौकिन लोग सड़क पर शराब ना पीएं इसके लिए उत्पाद विभाग ने यह तैयारी शुरू की है। अभी तक लाइसेंसी बार की फीस हर साल 18 लाख रुपए थी। लेकिन नये नियम में इसे सरकार ने घटा कर नौ लाख कर दिया है। विभाग को उम्मीद है कि फीस घटने व प्रॉसेस ईजी हो जाने पर लाइसेंसी बार लेने वालों की संख्या भी बढ़ जाएगी।
एसडीओ व डीसी के बाद ओकेअभी रांची में लाइसेंसी बार खोलने के लिए नाको चने चबाना पड़ता है। सीओ, एसडीओ, एनडीसी, थाना, डीएसपी, सिटी एसपी, सीनियर एसपी व डीसी की रिपोर्ट के बाद एनओसी मिलता है उसके बाद लाइसेंस दिया जाता है। लेकिन उत्पाद विभाग लाइसेंस लेने के लिए अब जो नया नियम लागू करन वाला है। उसके अनुसार सिर्फ एसडीओ से एक एनओसी लेना होगा कि जहां बार खुल रहा है वहां लॉ एंड आर्डर की समस्या नहीं है। इसके बाद डीसी द्वारा एनओसी जारी कर दिया जाएगा। उसके बाद बार का लाइसेंस मिल जाएगा।
रांची में हैं 42 लाइसेंसी बार रांची जिले में प्रेजेंट में 42 लाइसेंसी बार हैं। इसके अलावे गल्ली मुहल्ले से लेकर सड़क तक बिना लाइसेंस लिये भी शराब परोसा जा रहा है। एक आबकारी अधिकारी के मुताबिक सरकार का मकसद है कि लाइसेंसी बार लेने के प्रॉसेस को आसान बनाने पर अवैध रूप से शराब बेचने पर रोग लगेगी। और जो सड़क पर ही शराब के सेवन करने लगते हैं, वो भी बार में बैठकर सेवन करेंगे। लोगों को सस्ते में मिलेगी वाइनशहर में अधिक संख्या में बार खुलने के बाद शराब के शौकिन लोगों को इसका लाभ मिलेगा। अभी बार की संख्या कम होने की वजह से रेट भी अपने-अपने तरह से रखा गया है। संख्या बढ़ने पर कॉम्पीटिशन अधिक हो जाएगा, इसका असर रेट पर होगा। लोगों को कम रेट पर बार में बैठकर शराब पीने का आनंद मिलेगा
राजस्व का भी हो रहा लॉस बार की संख्या कम होने से उत्पाद विभाग को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। जितने अधिक लोग लाइसेंस लेंगे उतने लोग सरकार का जो फीस है वह जमा करेंगे। अभी बहुत सारे होटल, रेस्टोरेंट वाले बिना लाइसेंस लिए शराब बेच रहे हैं। पकड़ाने पर उनको सजा दी जाती है, लेकिन सरकार को इससे राजस्व नहीं मिलता है। वर्जन बिना लाइसेंस लिए अवैध रूप से शराब बेचने वालों को रोकने के लिए और सड़क पर शराब का सेवन ना करें, इसके लिए बार लाइसेंस फीस भी घटाई गयी है। गजेंद्र सिंह, सहायक उत्पाद आयुक्त, रांची