--दुष्कर्म व हत्या की घटनाओं से व्यथित है मन, स्पीडी ट्रायल से कठोर सजा दिलाने की होगी कोशिश : डीजीपी

- दावा, सभी कांडों में 95 फीसद अभियुक्त हो चुके हैं गिरफ्तार

- आठवीं कक्षा से ऊपर के बच्चे-बच्चियों की होगी काउंसिलिंग

रांची : डीजीपी एमवी राव ने बच्चियों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा सिर्फ पुलिस के बूते की बात नहीं है। इसके लिए परिवार व समाज को भी आगे आना होगा। हाल के दिनों में प्रदेश में घटित द¨रदगी की घटनाओं पर डीजीपी ¨चतित नजर आए और अब तक हुई पुलिस की कार्रवाई पर संतोष भी जताया। यह भी कहा कि पर्यटन स्थलों के आसपास गश्त तेज की जाएगी। डीजीपी मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब थे।

पुलिस कर रही जांच

डीजीपी ने कहा कि हाल में प्रदेश के विभिन्न इलाकों में घटित बच्चियों-नाबालिगों से दुष्कर्म व हत्या की घटनाओं से मन व्यथित है। घटना के बाद पुलिस निष्पक्ष होकर पूरी संवेदनशीलता से मामले की जांच कर रही है। सभी कांडों में 95 फीसद अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्हें स्पीडी ट्रायल से कठोर सजा दिलाने की कोशिश होगी। छानबीन में इस बात की जानकारी मिली है कि अधिकांश मामले में अभियुक्त भुक्तभोगी के जान-पहचान का था, यूं कहें तो पुरुष मित्र था। अब सवाल उठता है कि ऐसे वारदातों को कैसे रोका जाए।

कहीं नहीं व्यवस्था

एमवी राव ने कहा कि पुलिस की लंबी नौकरी में यह देखा कि चोरी, डकैती, तस्करी, दंगा, लूट, नक्सल आदि घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस के पास अपना तंत्र है, लेकिन बच्चियों से होने वाले अपराध, दुष्कर्म के उपाय नजर नहीं आते। इसके लिए दूसरे देशों का भी अध्ययन किया गया, नतीजा शून्य निकला। इस विशेष अपराध को रोकने की व्यवस्था कहीं नहीं है। बच्चियों के संरक्षण के लिए सबसे पहले मां-पिता, समाज, बड़े बुजुर्ग, शिक्षक आते हैं। पुलिस की भूमिका बाद में आती है। बच्ची की गतिविधि की जानकारी रखना, उसे संस्कार देना प्रत्येक परिवार व समाज का कार्य है। लड़कों के मामले में भी परिवार व समाज अलर्ट रहे, ताकि वह अपराध की ओर कदम नहीं बढ़ाए। इसके लिए पुलिस अभिभावकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने जा रही है।

वेबिनार का होगा आयोजन

उन्होंने कहा कि आठवीं से ऊपर के बच्चे-बच्चों के लिए वेबिनार का आयोजन होगा, जिसके माध्यम से दोनों की काउंसिलिंग की जाएगी। बच्चियों को बचाव की जानकारी दी जाएगी। इसमें पुलिस के अलावा एनजीओ की भी मदद ली जाएगी। गांव-मुहल्लों में जागरूकता कैंप लगाया जाएगा। लोगों को समझाया जाएगा कि नाबालिगों को अकेले घर में या बाहर नहीं छोड़ें। उनपर नजर रखें। बच्चों को जिस तरह से हम आग-पानी से बचना सिखाते हैं, उसी प्रकार यह भी समझाएं कि वे सोशल मीडिया से जुड़ने से बचें। बच्चों की सुरक्षा का दायित्व अभिभावक का है।

------------

बच्चियों की सुरक्षा के लिए वाट्सएप नंबर

डीजीपी एमवी राव ने कहा कि बुधवार को सभी जिलों के एसपी एक वाट्सएप नंबर जारी करेंगे। थोड़ा भी असहज महसूस करने पर महिलाएं, बच्चियां, नाबालिग संबंधित नंबर पर मैसेज भेजकर मदद ले सकती हैं। मैसेज मिलने के तत्काल बाद एक डीएसपी व महिला अधिकारी उस बच्ची-महिला की सुरक्षा में पहुंच जाएंगे।

----------

पुलिस का तनाव कम करने पर चल रहा विचार

डीजीपी ने कहा कि इन दिनों पुलिसकर्मियों के तनाव की जानकारी मिल रही है। खुदकुशी के मामले भी सामने आ चुके हैं। विचार किया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों के मनोरंजन व मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्या कदम उठाया जा सकता है। बैरक, पुलिस केंद्र में कोई पुलिसकर्मी तनाव में रहता है तो उसके साथी इसकी सूचना तत्काल वरीय पदाधिकारियों को दें ताकि उस पुलिसकर्मी व उसके परिवार से बातचीत कर समस्या का हल निकाला जा सके। ---------------

छह महीने में रोकेंगे साइबर अपराध

डीजीपी के अनुसार राज्य में साइबर अपराध एक बड़ी समस्या है। इसके लिए चार प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारियों को लगाया गया है। साइबर अपराध की मुख्य वजह सिमकार्ड है। बंगाल से सिमकार्ड लेकर झारखंड में साइबर अपराध करने वालों की संख्या को देखते हुए बंगाल पुलिस से समन्वय कर ऐसे अपराधियों की खोज जारी है। उन्होंने दावा किया छह माह में साइबर अपराध मिटा देंगे।

-------

गुप्त रखी जाएगी पहचान

डीजीपी ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे गोवंश की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस का साथ दें। पुलिस को ऐसी घटनाओं की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि सूचना देनेवालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी त्योहारों का मौसम है। ऐसी स्थिति में चोरी, पाकेटमारी, डकैती, लूट की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इसे रोकने का प्लान तैयार किया गया है।

गुटखा के खिलाफ तेज होगा अभियान

डीजीपी ने इस दौरान दावा किया है कि नक्सली कमजोर हुए हैं, उनमें फूट पड़ गई है। ग्रामीण भी उन्हें सहयोग नहीं कर रहे। बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध शराब, अवैध हथियार आदि के खिलाफ अभियान तेज किए गए हैं। राज्य में गुटखा के खिलाफ अभियान तेज होगा।

-------

Posted By: Inextlive