रांची यूनिवर्सिटी में पिछले एक महीने में चार बार हो चुकी है तालाबंदी
RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी में तालाबंदी अब आम बात है। स्टूडेंट्स और स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस अपनी डिमांड्स मनवाने के लिए तालाबंदी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले दो महीने में यूनिवर्सिटी में चार बार ताला जड़ा जाना इसका गवाह है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन भी तालाबंदी पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है। तालाबंदी से जहां एक तरफ ऑफिशियल वर्क्स ठप हो जाते हैं, वहीं स्टूडेंट्स को भी इसकी फजीहत झेलनी पड़ती है। आखिर यूनिवर्सिटी में क्यों तालाबंदी हो रही है और इससे कब निजात मिलेगी? यह बड़ा सवाल है।
कब-कब हुई तालाबंदी 9 फरवरी 2015 कहां लगा ताला: यूनिवर्सिटी हेडक्वार्टर स्थित प्रो वीसी ऑफिस में एबीवीपी ने लगाया ताला। वीसी समेत कई ऑफिशियल्स तीन घंटे तक रहे बंधक। क्या थी वजह : केसीबी कॉलेज बेड़ो में व्यवस्था सुधारने और प्रिंसिपल को पद से हटाने की मांग-यह है स्टेटस : यूनिवर्सिटी प्रशासन कॉलेज की व्यवस्था का जायजा ले चुकी है। वीसी को भी रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है, लेकिन कार्रवाई होनी बाकी है,
वर्जन कॉलेज का इंस्पेक्शन हो चुका है। जल्द ही व्यवस्था सुधार ली जाएगी। इसके लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। डॉ एम रजीउद्दीन एक्टिंग वीसी, आरयू 6 फरवरी 2015कहां लगा ताला: एमए इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के स्टूडेंट्स ने पीजी पॉलिटिकल साइंस में की तालाबंदी
क्या थी वजह: कॉपीज की री-चेकिंग की डिमांड क्या है स्टेटस : यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कॉपीज की री-चेकिंग से किया इंकार। स्क्रूटनी के लिए स्टूडेंट्स कर सकते हैं अप्लाई। वर्जन कोई स्टूडेंट फेल नहीं हुआ है। सबको अच्छे मार्क्स आए हैं। कॉपी री-चेकिंग का मामला यूनिवर्सिटी के हाथों में है। इस मामले में हैं क्या कर सकता हूं। डॉ एसपी सिंह एचओडी, पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट 4 फरवरी 2015 कहां लगा ताला : यूनिवर्सिटी के सात वोकेशनल कोर्सेज के डिपार्टमेंट में एनएसयूआई ने जड़ा ताला क्या थी वजह: सभी वोकेशनल कोर्सेज के लिए शुरु हो एमफिल कोर्स क्या है स्टेटस: यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एकेडमिक काउंसिल में इस मामले को रखने की कही है बात वर्जन वोकेशनल कोर्सेज में एमफिल की पढ़ाई शुरू करना मुश्किल है। वैसे इस मामले को एकेडमिक काउंसिल में रखा जाएगा। इसके बाद सिंडिकेट और सीनेट से पारित कराकर गवर्नर हाउस भेजना होगा। गवर्नर के अप्रूवल के बाद ही वोकेशनल कोर्सेज में एमफिल की पढ़ाई शुरू करना संभव है। डॉ एम रजीउद्दीन एक्टिंग वीसी, आरयू 17 जनवरी 2015कहां लगा ताला: यूनिवर्सिटी हेडक्वार्टर में वीसी चैंबर में एनएसयूआई ने की तालाबंदी
क्या थी वजह: ग्रेजुएशन पार्ट वन और पार्ट टू के स्टूडेंट्स की कॉपीज की हो री-चेकिंग यह है स्टेटस: स्टूडेंट्स को आरटीआई के जरिए कॉपीज री-चेकिंग कराने को कहा गया। अगर इसमें दिक्कत है तो यूनिवर्सिटी मे अप्लाई कर सकते हैं। वर्जन कॉपी की री-चेकिंग का कोई प्रॉविजन नहीं है। अगर कॉपी देखने के बाद स्टूडेंट्स को लगता है कि इवैल्यूएशन में लापरवाही बरती गई है तो वे अप्लीकेशन सबमिट कर सकते हैं। इसपर कार्रवाई जरूर होगी। डॉ एम रजीउद्दीन एक्टिंग वीसी, आरयू