-- शराब व्यवसायियों को राहत, लॉकडाउन की अवधि तक का नहीं देना होगा उत्पाद शुल्क

- 31 मार्च को ही समाप्त हो गई थी सात लौह अयस्क खदानों की लीज की अवधि

- सरकारी उपक्रमों को लगाया जाएगा खनन और वितरण में

रांची : राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों को लौह अयस्क खनन के लिए दी गई लीज को समाप्त करते हुए इसे सरकारी उपयोग के लिए सुरक्षित कर लिया है। सरकार अब अपने माध्यम से इन खदानों के खनन और वितरण का कार्य संचालित करेगी। झारखंड राज्य खनिज विकास निगम अथवा किसी सरकारी उपक्रम को इन खदानों का मालिकाना हक दिया जा सकता है। इसपर फैसला आने वाले दिनों में होगा। फिलहाल सात कंपनियों को आवंटित लौह अयस्क खदान की लीज को आगे विस्तार देने से इन्कार कर दिया गया है। पश्चिमी सिंहभूम जिले से संबंधित इन कंपनियों की लीज 31 मार्च को ही समाप्त हो गई थी। इनमें शाह ब्रदर्स, रूंगटा माइंस समेत अन्य कंपनियां हैं। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंगलवार को इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट ने इस दिन विभिन्न विभागों के कुल आठ प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी।

उठाव के हिसाब से भुगतान

कैबिनेट ने इसी तरह एक अन्य फैसले में शराब व्यवसायियों को राहत प्रदान की है। अब उन्हें वास्तविक उठाव के हिसाब से ही राजस्व का भुगतान करना होगा। शराब व्यवसायी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। कैबिनेट ने यह फैसला वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत मई एवं जून माह के लिए निर्धारित उत्पाद राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति को केंद्र में रखकर किया है। कैबिनेट ने इस क्रम में 22 मार्च 2020 से लॉकडाउन प्रभावी रहने की अवधि तक के लिए पूर्व से निर्धारित उत्पाद राजस्व को माफ किए जाने से संबंधित प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी।

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कैबिनेट सचिव क्वारंटीन, कई प्रस्ताव अटके

कैबिनेट विभाग का प्रभार संभाल रहीं सचिव हिमानी पांडेय क्वारंटीन में चली गई हैं, जिसके कारण कई प्रस्ताव विचार के लिए कैबिनेट तक नहीं पहुंच सके। बताते चलें कि कैबिनेट को प्रस्ताव देने के लिए सचिव का अनुमोदन आवश्यक होता है।

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अफसर की पेंशन राशि जब्त

कैबिनेट ने एक अन्य फैसले में वेजफेड के तत्कालीन प्रबंध निदेशक रमोद नारायण झा की पेंशन की संपूर्ण राशि स्थायी रूप से जब्त किए जाने से संबंधित प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दी है। रमोद नारायण झा पर दो करोड़ रुपए के गबन का आरोप है, जिसके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी कैबिनेट ने दी है। वे सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, धनबाद के प्रबंध निदेशक के अलावा उप निबंधक, सहयोग समितियां कार्यालय, संयुक्त निबंधक, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल) रांची के पद पर भी रह चुके हैं।

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अन्य महत्वपूर्ण फैसले

- मेडिकल कॉलेज, कोडरमा के निर्माण हेतु भूमि हस्तांतरण के बाद संबंधित कर्मी गौतम प्रताप (एमटीएस) के स्वास्थ्य विभाग में समायोजन की स्वीकृति।

- मुख्यमंत्री के साथ संलग्न आदेशपालों के लिए वर्दी खरीदने से संबंधित वार्षिक राशि बढ़ाने पर स्वीकृति।

- वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से फैसलों के लिए हाई कोर्ट ऑफ झारखंड नियमावली 2020 के गठन पर घटनोत्तर स्वीकृति।

- भारतीय प्रशासनिक सेवा के झारखंड संवर्ग के पदाधिकारी डा। बशारत कयूम की पत्नी मसरत जबीन को झारखंड राज्य के सरकारी विद्यालय में अंतराज्यीय प्रतिनियोजन/प्रतिनियुक्ति की स्वीकृति।

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Posted By: Inextlive