ऑपरेशन की कहानी, एसएसपी की जुबानी

एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने रविवार को रांची पुलिस के ऑपरेशन की कहानी बताई। कहा कि अपहरण के सात दिनों बाद ही चाईबासा के गोईलकेरा जंगल में छात्रों को रखने की बात सामने आ गई थी। टीम में अरगोड़ा थानेदार रतिभान सिंह, बुंडू इंस्पेक्टर संचमान तामंग को चुना गया था। संचमान तामंग को जंगल आदि का पूरा ज्ञान था, जबकि रतिभान सिंह वहां पर रह चुके थे। इसलिए उन्हें इलाके की जानकारी थी। इस ऑपरेशन में कोल्हान डीआईजी साकेत कुमार सिंह, एसपी चाईबासा अनीश कुमार गुप्ता, एटीएस चाईबासा की टीम, गोईलकेरा, एवं मुफ्फिसल थाना के पुलिस पदाधिकारी भी शामिल हुए। पुलिस यह चाहती थी कि किडनैपर्स कोई मूवमेंट करे। गांव आराहासा और खुटकुटिया जंगल से निकलनेवाले मार्ग की नाकेबंदी कर दी गई। 22 सितंबर की रात में अपहर्ता गिरोह के एक पिकअप वैन जेएच-05बीक्यू-7040 को पकड़ा गया, जिसमें बच्चों को अ‌र्द्धनिंद्रा में पाया गया। वहां से किडनैपर्स गिरोह का सुजीत कुमार उपाध्याय उर्फ बिट्टू, रणविजय सिंह, अशोक सुंडी, विरेंद्र कोड़ा को गिरफ्तार किया गया। उनलोगों के पास से बच्चों की घड़ी, चेन, मोबाइल इत्यादि बरामद किया गया। बच्चों को सुस्त करने वाली दवाइयां, नशा के इंजेक्शन आदि भी बरामद किए गए। इनलोगों की निशानदेही पर गोविंद उर्फ रजनीश चौधरी, ब्रजेश कुमार, सुखदेव कोड़ा, मनोहर लांगुरी, तुलसी दास कोड़ा को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके पास से अवैध हथियार बरामद किया। पकड़े जाने पर कहा कि पांच सितंबर से रांची से अपहृत बच्चों को हथियार के बल पर रखे हुए थे। बीच-बीच में उनलोगों को सुस्त करने के लिए इंजेक्शन व दवाईयां देते थे। इनलोगों ने स्वीकार किया है कि बच्चों की निगरानी के लिए इन्हें अशोक सुंडी एवं विरेंद्र कोड़ा द्वारा बड़ी रकम देने का वायदा किया गया था। ये लोग उसी लोभ में बच्चों को हथियार के बल पर नजरबंद रखे हुए थे। इनलोगों के पास से हथियार व कारतूस बरामद किया गया।

छापेमारी टीम

एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, एएसपी रमण, अभियान एएसपी रतिंद्र चंद्र मिश्रा, कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह, डीएसपी विजय कुमार सिंह, ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, सिटी एसपी अमन कुमार समेत अरगोड़ा, लालपुर, सदर थानेदार समेत दो सौ पुलिसकर्मी शामिल थे।

Posted By: Inextlive