- बिना किताब आठवीं बोर्ड परीक्षा लेगी सरकार, प्राइवेट स्कूलों ने पूछा

- गैर सरकारी स्कूलों को मान्यता नहीं, बच्चों को नहीं मिलती कोई सुविधा

RANCHI (07 Nov) : झारखंड सरकार ने मौजूदा सत्र से ही राज्य के सभी स्कूलों में आठवीं बोर्ड की परीक्षा की घोषणा कर दी है। भ् लाख बच्चे आठवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होंगे। लेकिन, हजारों गैर सरकारी स्कूलों में अभी तक आठवीं कक्षा की किताबें नहीं पहुंची हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि बिना पढ़े बच्चे परीक्षा में शामिल होंगे, तो लिखेंगे क्या? मंगलवार को झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ ने सरकार से पूछा कि अगर बच्चे फेल होते हैं, तो जिम्मेदारी किसकी होगी। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर एक भी बच्चा फेल होने पर आत्महत्या करता है, तो संघ की ओर से सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अदालत में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

न मिड डे मील, न पोशाक ही नसीब

झारखंड के हजारों गैर सरकारी स्कूलों को सरकार ने मान्यता नहीं दी है। बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों के बच्चों को न तो मिड डे मील मिलता है और न ही पोशाक, साइकिल या कॉपी-किताब। संघ ने कई बार सरकार से मांग की है कि स्कूलों को मान्यता देते हुए बच्चों को सारी सुविधाएं दी जायें। संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने कहा कि अभी तक केवल छह स्कूलों को मान्यता मिली है। वह भी नियमों की अनदेखी कर।

बंद होने वाले स्कूलों के भवन सौंपें

संघ ने सरकार से मांग की है कि जिन ख्0क्ब् सरकारी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की गयी है, उनके भवनों को गैर सरकारी स्कूलों के संचालक, एनजीओ या ट्रस्ट को सौंप दिये जाएं। इसके अलावा शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन कर सभी प्राइवेट स्कूलों को मान्यता दी जाए। इन मांगों को लेकर संघ ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व जैक अध्यक्ष सहित कई वरीय अधिकारियों को पत्र भी सौंपा है।

Posted By: Inextlive