जेएनयू में बीते रविवार हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा करने संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच जारी है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। जेएनयू परिसर के अंदर हिंसा भड़कने के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर के अनुसार छात्र पिछले कुछ दिनों से हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। हाई कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में किसी भी विरोध की अनुमति नहीं है। 40 से 50 लोगों में अधिकांश ने अपने चेहरे को मास्क से ढका हुआ


एफआईआर में कहा गया है कि रविवार को दोपहर 3.45 बजे प्रशासनिक ब्लॉक में तैनात पुलिस बल को सूचना मिली कि कुछ छात्र पेरियार छात्रावास में इकट्ठे हुए हैं और उनके बीच झगड़ा हुआ है। 40 से 50 लोगों में अधिकांश ने अपने चेहरे को मास्क से ढका हुआ है। ये लोग छात्रों की पिटाई की और छात्रावास में तोड़फोड़ कर रहे हैं। इस दाैरान इंस्पेक्टर पुलिसकर्मियों के साथ पेरियार छात्रावास पहुंचे। पुलिस को देख मारपीट व तोड़फोड़ करने वाले भाग गए। झगड़े और मारपीट की कई और फोन कॉल्स पीसीआर को मिलीं

स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए जेएनयू प्रशासन की ओर से एक पुलिस को एक अनुरोध मिला। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया और छात्रों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया गया। इस बीच पुलिस को जेएनयू कैम्पस के अंदर से झगड़े और मारपीट की कई और फोन कॉल्स पीसीआर को मिलीं। इसके बाद फिर शाम करीब 7 बजे पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग साबरमती हॉस्टल में घुस गए थे और छात्रों की पिटाई कर रहे थे।उपद्रवियों के भागने के बाद घायलाेें को बाद में एम्स में भर्ती कराया गयाइस पर जब पुलिस पहुंची तो देखा कि 50 से 60 लोग डंडे लेकर हॉस्टल में तोड़फोड़ कर रहे हैं। पुलिस उन्हें लगातार चेतावनी दे रही थी लेकिन वे लोग मारपीट व तोड़फोड़ कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक कुछ देर बाद उपद्रवी भाग गए और फिर घायल छात्रों को बाद में एम्स में भर्ती कराया गया। पुलिस ने पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए धारा 145, 147, 148, 149 और 151 और पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट 3 के तहत केस दर्ज हुआ है।

Posted By: Shweta Mishra