- भाजपा में विलय के फैसले के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा

- 17 को प्रभात तारा मैदान में होगा मिलन समारोह का आयोजन

चौदह साल पुरानी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्र) ने अंतत: भारतीय जनता पार्टी में विलय का फैसला ले लिया है। मंगलवार को झाविमो कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें पूरी पार्टी के भाजपा में विलय के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इसके साथ ही पिछले डेढ़ महीने से लगाए जा रहे कयासों पर विराम भी लग गया। इस कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से जब मीडिया ने जानना चाहा कि क्या वे धनवार सीट से इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव लड़ेंगे, तो बाबूलाल ने साफ कहा कि अगर कार्यसमिति ऐसा आदेश देती है, तो वे जरूर चुनाव लड़कर दोबारा विधानसभा में जा सकते हैं। हालांकि, फिलहाल उन्होंने ऐसे किसी कदम से इंकार कर दिया।

भव्य समारोह में होगा विलय

पार्टी का भाजपा में विलय एक भव्य कार्यक्रम में होगा। इसके लिए 17 फरवरी को धुर्वा के प्रभात तारा मैदान में एक मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा। बाबूलाल मरांडी ने स्वयं इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि चुनाव में किसने, किसके खिलाफ क्या कहा यह अतीत की बात हो गई है। जमीनी हकीकत यह है कि पार्टी के सारे सदस्य अब भाजपा के सिपाही की तरह काम करेंगे।

कांग्रेस में विलय का बनाया था प्रेशर

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पिछले 23 दिसंबर को जब विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया, तो पार्टी के सिंबल से जीते तीनों विधायक यानी प्रदीप यादव, बंधु तिर्की और खुद बाबूलाल मरांडी एक साथ बैठे थे। उसी दिन बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने बाबूलाल मरांडी से कहा था कि अब पार्टी का विलय कांग्रेस में कर देने का वक्त आ गया है। तब बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि वे एक परिवार की पार्टी के साथ जाने के पक्ष में नहीं हैं। श्री मरांडी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आज जिस दल के साथ मिलकर झारखंड में सरकार बनाई है, वह भी एक परिवार विशेष की ही पार्टी है। उनका इशारा झामुमो की तरफ था। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग पार्टी के गठन के दिन से ही यह संदेश भेजते आ रहे थे कि उन्हें (बाबूलाल को) भाजपा ज्वाइन कर लेना चाहिए।

वोट बैंक पर नहीं पड़ेगा असर

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा में जाने के फैसले से उनके मूल वोट बैंक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आदिवासियों और मुसलमानों के समर्थन की बात पूछे जाने पर श्री मरांडी ने कहा कि वे अब तक जिन-जिन क्षेत्रों से चुनाव लड़ते आए हैं, उसमें ज्यादातर में आदिवासी वोटर्स काफी कम थे। उदाहरण के तौर पर उन्होंने 2001 में अपने रामगढ़ से चुनाव जीतने का उल्लेख करते हुए कहा कि तब वे भाजपा में थे, इसके बावजूद रामगढ़ के लोगों ने उन्हें चुना, जहां आदिवासी कम थे और मुस्लिम वोटर्स की अच्छी खासी संख्या थी।

भाजपा कहे, तो झाड़ू भी लगाऊंगा

बीजेपी में जाने के बाद कौन सा पद मिलेगा, इस सवाल पर बाबूलाल ने कहा कि मैं एक समर्पित कार्यकर्ता की तरह काम करता आया हूं। भाजपा में अगर झाड़ू लगाने का भी काम मिलेगा, तो झाड़ू लगाउंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी विधायक दल का नेता बनाए जाने के मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है, लेकिन अगर पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेवारी भी देती है, तो पीछे नहीं हटेंगे।

Posted By: Inextlive