- अखबार पहुंचाने से लगाए सबके सुख-दुख में भी शरीक होते हैं कर्मयोगी

- घर की टेंशन छोड़ दूसरों की सेवा में बीतता है दिन

GORAKHPUR: अल सुबह खट-पट की आवाज से आपके घर की बालकनी में अखबार के गिरने की आवाज आती है। लेकिन सुबह की नींद और आलस की वजह से उसे उठाने में भी थोड़ी देर सोचना पड़ता है। क्योंकि सुबह की नींद सबको प्यारी होती है। यही नहीं अगर अखबार का पेमेंट ना करना हो तो शायद आप जान भी नहीं पाएंगे कि आखिर आपके घर कौन अखबार पहुंचा जाता है। बिना दिखे सबको देश भर की जानकारी पहुंचाने वाला कोई और नहीं कर्मयोगी है। जो अपने काम का कभी ढिंढोरा नहीं पीटता। जबकि देश विपरित परिस्थितियों में है, जिसमें आप भले ही घर से ना निकलें लेकिन आपके घर कर्मयोगी अखबार जरूर पहुंचाता है ताकि आपको देश के हालात की जानकारी मिल सके। कर्मयोगी काम ही में नहीं बल्कि समाज सेवा में भी सबसे आगे रहते हैं। इसका उदाहरण गोरखपुर के बच्चालाल अग्रहरी हैं। अपने बिजी शेडयुल के बाद भी गोरखनाथ के कर्मयोगी बच्चालाल भूख से परेशान परिवारों की मदद कर रहे हैं।

लोगों की भी कर रहे मदद

कोरोना के वजह से हुए लॉकडाउन के बाद से हजारों लोगों को खाने-पीने की समस्या हो गई है। ये ऐसे लोग हैं जो डेली कमाई करके अपना पेट भरते हैं। गोरखनाथ एरिया के बजरंगनगर कॉलोनी निवासी 42 वर्षीय बच्चालाल 25 साल से अखबार की डयूटी निभा रहे हैं। सुबह चार बजे उठना और कई जगहों से अखबार उठाकर पहुंचाना डेली का इनका काम है। कोरोना जैसा घातक वायरस जिसके डर से लोग अपने घरों में बंद हैं लेकिन बच्चालाल इस समय भी अपनी डयूटी बाखुबी निभा रहे हैं। डयूटी के बाद बच्चालाल इस समय भूख से परेशान परिवारों की मदद कर उन्हें राशन और खाना भी अवेलबल करा रहे हैं। बच्चालाल के जज्बे का हर कोई कायल हो गया है।

Posted By: Inextlive