आज यानी 22 मार्च को जापानी जियोकेमिस्ट कात्सुको सारुहाशी की 98वीं जयंती है। इस मौके पर सर्च इंजन गूगल ने उनका एक डूडल बनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। बता दें कि कात्सुको ने समुद्री जल में कार्बन डाइऑक्साइड के लेवल का पता लगाया था और यह खोज उनके सबसे खास खोजों में से एक था। आइये कात्सुको सारुहाशी के जीवन से जुड़ीं कुछ महत्त्वपूर्ण बातों को जानें।


कात्सुको सारुहाशी का जन्म जापानी वैज्ञानिक कात्सुको सारुहाशी का जन्म 22 मार्च साल 1920 को हुआ था। उन्होंने इम्पीरियल वुमन्स कॉलेज ऑफ साइंस से विज्ञान की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने जापान के सेंट्रल मेटेओरोलॉजिक ऑब्जरवेटरी लैब में काम शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने साल 1950 में समुद्री जल में सीओटू लेवल पर शोध करना शुरू किया। हालांकि, उस समय इस तरह का अध्ययन नहीं होता था, इसलिए उन्हें काफी मेहनत करना पड़ा।कात्सुको का खास अध्ययनकात्सुको ने समुद्री जल में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर का पता लगाया और यह खोज उनके सबसे खास खोजों में से एक था। इसके बाद उन्होंने अपने शोध के आधार पर यह भी साबित कर दिया कि रेडियोएक्टिविटी का असर पूरी दुनिया पर होता है। इसके अलावा सारुहाशी ने एसिड रेन और उसके असर के बारे में भी पता लगाया।गूगल ने डूडल के बारे में बताया
गूगल ने अपने डूडल के बारे में जानकारी देते हुए लिखा है कि 'आज सारुहाशी की 98वीं जयंती है। वह दुनिया की पहली वैज्ञानिक थीं, जिन्होंने तापमान के आधार पर पानी में बढ़ते कार्बोनिक एसिड का पता लगाया। इसके अलावा तापमान के आधार पर समुद्री पानी में बढ़ने वाला pH लेवल और क्लोरिन के बारे में पता लगाया। उन्होंने एक ऐसी टेक्नोलॉजी का निर्माण किया, जिससे यह पता चला कि समुद्र में रेडियोएक्टिव किस तरह एक जगह से दूसरी जगह तक फैलता है।कई सम्मान से नवाजा गयाकात्सुको को उनके काम के लिए कई सम्मान और अवॉर्ड से नवाजा गया। वह जियोकेमीकल लैबोरेटरी की निदेशक थीं। साइंस काउंसिल ऑफ जापान में नियुक्त होने वाली वह पहली महिला वैज्ञानिक थीं। इसके अलावा उन्होंने दुनिया में शांति फैलाने के लिए न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल कैसे करें, इसको लेकर भी शोध किया था. इसके लिए उन्हें अवोन स्पेशल प्राइज फॉर वुमेन से सराहा गया था। सारी दुनिया को अपने शोध के बारे में बताने के बाद 29 सितंबर 2007 को 87 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया।

Posted By: Mukul Kumar