भैया दूज के पावन पर्व पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दोनों धामों के कपाट बंद कर दिए गए। अगले छह माह तक बाबा केदार के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर और यमुना के दर्शन उत्तरकाशी जिले के खरसाली में होंगे।


देहरादून (ब्यूरो)। भैया दूज के पावन पर्व पर पौराणिक रीति रिवाज के साथ केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए। अब आगामी छह माह बाबा केदार के दर्शन शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर और यमुना के दर्शन उत्तरकाशी जिले के खरसाली में किए जा सकेंगे। इससे पहले सोमवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए थे। मंगलवार को गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में विराजमान हो गई है।सुबह 3 बजे से शुरू हो गई थी प्रक्रिया


मंगलवार को केदारनाथ धाम में कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह तीन बजे से शुरू हो गई थी। केदारनाथ के मुख्य पुजारी केदार लिंग के नेतृत्व में वेदपाठियों ने विशेष पूजा अर्चना के साथ बाबा केदार का महाभिषेक किया। इसके बाद ठीक साढ़े छह बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उत्सव डोली को गर्भगृह से बाहर निकाला गया और गर्भगृह के कपाट बंद किए गए। लगभग दो घंटे तक उत्सव डोली को मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा गया। इसके बाद ठीक 8.30 बजे मंदिर के मुख्य कपाट बंद कर दिए गए।अब खरसाली में कर सकेंगे दर्शन

बाबा केदार के जयकारों के साथ सेना की बैंड की धुन पर उत्सव डोली अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर धाम में करीब 1500 श्रद्धालु उपस्थित थे। रामपुर में रात्रि विश्राम के बाद उत्सव डोली 30 अक्टूबर को गुप्तकाशी और 31 अक्टूबर को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। दूसरी ओर यमुनोत्री धाम के कपाट भी दोपहर बाद 1.30 बजे बंद कर दिए गए। शनिदेव की अगुआई में यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली पहुंची। श्रद्धालु आगामी छह माह यमुना के दर्शन खरसाली में कर सकेंगे।dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive Desk