अपने गुरू अन्ना हजारे से खुद को अलग करना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए कतई पॉसिबल नहीं है इसलिए हां-हां ना-ना के बाद दोनों की मुलाकात के साथ ये साफ हो गया है कि आज एकबार फिर एक उद्देश्य के लिए अन्ना और केजरीवाल साथ खड़े होंगे.


दिल्ली के मुख्यामंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके डिप्युटी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसौदिया दिल्ली के महाराष्ट्र भवन में अन्ना हजारे से मिले और सारी आशंकाओं को खत्म  करते हुए ये तय हो गया कि एक बार फिर वे सब साथ में खड़े होंगे. इस मुलाकात में अन्ना ने अरविंद को उनकी शानदान जीत पर बधाई और बेहतर भविष्य के लिए आर्शिवाद दिया.उनकी मीटिंग के बाद ये क्लियर हो गया है कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ मंडे से सोशल एक्टिविस्ट अन्ना हजारे ने जंतर-मंतर पर जो धरना शुरू किया है, अरविंद और मनीष ट्यूजडे को उसी में शामिल होने आ रहे हैं. अरविंद ने इस आंदोलन में अन्ना को पूरा सहयोग देने का फैसला किया है. साथ ही उन्होंने इस अध्यादेश पर दिल्ली सरकार का रुख भी अन्ना के सामने साफ किया है.


मंडे को अन्ना के दिल्ली पहुंचने के बाद शाम को अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और आशीष खेतान ने महाराष्ट्र भवन जाकर अन्ना हजारे से मुलाकात की. दोनो ने सबसे पहले पैर छूकर अन्ना का आशीर्वाद लिया. अन्ना ने भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जबरदस्त जीत के लिए उन्हें बधाई दी, साथ ही उनसे कहा कि अब उनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई है, जिसे उन्हें ठीक से निभाना होगा.

करीब आधे घंटे की इस मुलाकात के बाद सिसौदिया ने मीडिया को बताया कि अन्ना के आंदोलन के समर्थन में ट्यूजडे की दोपहर 2 बजे अरविंद केजरीवाल और वह जंतर-मंतर जाकर धरने पर बैठेंगे. हालाकि उन्होंने अभी ये क्लियर नहीं किया है कि वे दोनों अन्ना हजारे के साथ मंच पर ही बैठेंगे या नीचे आम लोगों और कार्यकर्ताओं के साथ रहेंगे. क्योंकि अन्ना और उनकी साथी सुनीता गोदारा दोनों ने ही पहले से कह रखा है कि आंदोलन को समर्थन देने वाले सभी लोगों का सर्पोट देने के लिए वे वेलकम करेंगे लेकिन किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों के साथ मंच शेयर नहीं किया जा सकेगा. ये छूट केवल किसानों के प्रतिनिधियों के लिए ही संभव है.

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Posted By: Molly Seth