Birthday special: भारतीय खगोलशास्त्री जिन्होंने कहा था भगवान इंसान की सबसे बड़ी खोज
1- डाक्टर सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर को भौतिक शास्त्र पर उनके अध्ययन के लिए विलियम ए. फाउलर के साथ संयुक्त रूप से 1983 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
2- उनका जन्म पार्टीशन से पहले 19 अक्टूबर 1910 को लाहौर पाकिस्तान में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा मद्रास में हुई। 18 साल की उम्र में चंद्रशेखर का पहला रिसर्च पेपर इंडियन जर्नल ऑफ फिजिक्स में प्रकाशित हुआ था।3- महज 24 साल की उम्र में उनकी एक महत्वपूर्ण रिसर्च सामने आयी थी जिसमें उन्होंने प्रमाणित किया था कि व्हाइट ड्वार्फ स्टार का मास ही ब्लैक होल का निर्माण करता है। उन्होने इसकी वजह बताते हुए स्पष्ट किया था कि व्हाइट ड्वार्फ स्टार एक डेफिनेट मास प्राप्त करने के बाद अपने भार को नहीं बढ़ा सकता जिसके चलते वे ब्लैक होल बन जाते हैं। यानि जिन तारों का द्रव्यमान सूर्य से 1.4 गुना होगा, वे अंतत सिकुड़ कर बहुत भारी हो जाएंगे।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 10 बातें4- हालाकि तारे के गिरने और लुप्त होने की अपनी ये वैज्ञानिक जिज्ञासा उन्होंने 1934 में सुलझा ली थी और 11 जनवरी 1935 को इसससे संबंधित रिसर्च को लंदन की रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की एक बैठक में प्रस्तुत भी कर दिया था लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया था। आखिरकार पचास साल बाद 1983 में उनके सिद्धांत को मान्यता मिली और नोबल प्राइज भी मिला।
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