कहते हैं बुढापा उम्र का वो पड़ाव होता है जब शरीर कमजोर हो जाता है। इंसान पूरी तरह से दूसरों पर नि‍र्भर होने लगता है। शरीर को स‍िर्फ आराम की जरूरत होती है लेक‍िन शायद इन बुजुर्गों ने तो बुढ़ापे की पर‍िभाषा ही बदल दी है। इन बुजुर्गों के हौसले के आगे अच्‍छे-अच्‍छे युवा फेल हैं। कोई 98 साल में पढाई कर रहा है तो कोई 101 की उम्र स्‍काईडा्इव कर रहा है। आइए आज अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर जानें कुछ ऐसे बुजुर्गों के बारे में...


98 साल की उम्र में पढाई: बुढ़ापे की परिभाषा बदलने वाले बुजुर्गों में 98 साल के राजकुमार वैश्य हैं। हाल ही में इनका नाम लिम्का बुक दर्ज हो गया। मूल रूप से यूपी के बरेली निवासी राजकुमार की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। अभी हाल ही में इन्होंने बैचलर ऑफ लॉ की पढ़ाई पूरी करने के 79 साल बाद एमए अर्थशास्त्र की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास की है। उम्र के इस पड़ाव में उनकी पढ़ने की चाहत जानने के बाद नालंदा खुला विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 2015 में उनके घर पर जाकर नामांकन लिया था। हाल ही में अधिकारियों ने उन्हें फोन पर जानकारी दी कि वह पास हो गए हैं। 75 साल की उम्र में टैटू:
अक्सर लोग कहते हैं टैटू आदि बनवाना युवाओं का शौक होता है, लेकिन अमेरिका के एक बुजुर्ग दंपत्ति ने इस धारणा को तोड़ दिया है। मेलबर्न के 75 साल के बुजुर्ग दंपति चार्ल्स हेल्मके और उनकी जीवन संगिनी शार्लोट गुटेनबर्ग ने अपने पूरे शरीर में करीब 93.75 फीसद भाग पर टैटू टैटू बनवाया है। उम्र के इस पड़ाव में ये कारनामा कर दुनिया में सर्वाधिक टैटू वाले सीनियर सिटीजन बन गए हैं। बीते साल इनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल हो गया है। टैटू का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला 2006 से शुरू किया था। 105 साल की उम्र में साइकिलिंग:इसी साल फ्रांस के रॉबर्ट मार्शां ने 105 साल की उम्र में कमाल किया है। उन्होंने एक घंटे के अंदर साइकिल पर रिकॉर्ड 22.547 किलोमीटर की दूरी तय कर लोगों को हैरान कर दिया है। उम्र के इस पड़ाव पर रॉबर्ट मार्शां का ये कमाल देखते ही बनता है। इससे पहले 2012 में भी जब वह 100 साल के थे, तब भी उन्होनें एक घंटे के अंदर 26.927 किलोमीटर तक साइकिल चलायी थी। इससे यह साबित होता है कि हौसले अगर बुलंद हो तो उम्र मायने नहीं रखती है।

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Posted By: Shweta Mishra