पाकिस्तान की संसद में पहुंचने वाली कौन है ये पहली हिंदू महिला, ऐसी है इनकी कहानी
अल्पसंख्यक कोटे से पहुंची संसद तकपाकिस्तान जैसे मुस्लिम बाहुल देश में एक हिंदू दलित महिला का सीनेटर बन जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यह अविश्वसनीय काम किया है कृष्णा कुमारी ने। सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की तरफ से पाकिस्तान के सिंध प्रांत में थार से कृष्णा कुमारी मुस्लिम देश में पहली दलित महिला सीनेटर बनीं। बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी ने अल्पसंख्यक के लिए सीनेट की एक सीट की एक सीट पर उन्हें नामाकंन किया था। कृष्णा अपने भाई के साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पीपीपी से जुड़ी थीं। बाद में उनके भाई को यूनियन काउंसिल बेरानो का चेयरमैन चुना गया। कृष्णा ने कहा था कि उनके पास नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हैं।16 साल की उम्र में हो गई थी शादी
39 साल की कृष्णा कुमारी का जन्म सिंध के नगरपारकर जिले के एक बीहड़ गांव में हुआ था। कृष्णा का बचपन काफी कठिनाईयों मे बीता। उनके पिता एक किसान थे। गरीबी में पली-बढ़ी कृष्णा जब 9वीं कक्षा में थी तब उनका विवाह लालचंद से कर दिया गया था। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी। इतनी कम उम्र में शादी के बावजूद कृष्णा ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। पहले हाईस्कूल और फिर इंटरमीडिएट करने के बाद कृष्णा ने ग्रेजुएशन पूरा किया। साल 2013 में उन्होंने सिंध यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री भी हासिल की।