- सरकार ने सहस्त्रधारा रोड पर जमीन अलॉट करने की दी अनुमति

- लंबे अरसे से अटका था रीजनल ऑफिस की जमीन का मामला

ravipriya@inext.co.in

DEHRADUN: प्रदेश भर के सीबीएसई से जुड़े स्कूलों और स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) का रीजनल अब स्थाई रूप से प्रदेश में स्थापित होगा। काफी जद्दोजहद और लंबे इंतजार के बाद सीबीएसई के देहरादून रीजनल ऑफिस को सरकार ने जमीन अलॉट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड को सरकार की ओर से सहस्त्रधारा रोड पर डेढ़ एकड़ जमीन अलॉट की जाएगी। बोर्ड से देहरादून रीजनल ऑफिस से प्रदेश के क्फ् और उत्तर प्रदेश के ख्ख् जिलों के स्कूल जुड़े हैं।

उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था के हालातों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां जो शिक्षा के मंदिर युवाओं को शिक्षित बनाने का काम कर रहे हैं वे खुद अपने लिए जमीन तलाश रहे हैं। आलम यह है कि स्कूल बोर्ड से लेकर यूनिवर्सिटीज तक किराए की जमीन पर चल रहे हैं। सरकार से कई बार गुहार लगाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन अब एक उम्मीद की किरण नजर आ रही है। लंबे अरसे के बाद सीबीएसई के रीजनल ऑफिस को सरकार ने जमीन अलॉट कर दी है। हालांकि अभी कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं। जानकारों की मानें तो इलेक्शन से पहले इसे लेकर प्रक्रिया पूरी कर जमीन बोर्ड को अलॉट कर दी जाएगी।

जमीन के लिए भटक रहा था सीबीएसई

सीबीएसई सरकार से लगातार जमीन की मांग कर रहा था। खास बात यह कि इसके लिए बोर्ड जमीन के वाजिब दाम तक देने को तैयार था। लेकिन इसके बाद भी सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिस कारण बोर्ड को कामकाज आदि में भी परेशानी हो रही थी।

पहाड़ के स्टूडेंट्स के लिए हुई सहूलियत

सीबीएसई बोर्ड से जुड़े स्टूडेंट्स की सहूलियत की बात हो या फिर स्कूलों से जुड़े कामकाज के मामले। सीबीएसई का देहरादून रीजनल ऑफिस बीते तीन सालों से प्रदेश के पहाड़ के स्कूलों और बच्चों को काफी राहत देता आया है। लेकिन दूसरी तरफ बोर्ड का रीजनल ऑफिस स्थाई जगह न होने के कारण काफी परेशानी भी झेल रहा था। जमीन को लेकर लगातार तीन सालों से सरकार से गुहार लगाने के बाद भी बोर्ड के हाथ खाली थे। जबकि दूसरी ओर उत्तरप्रदेश के जिलों से स्थाई भवन के अनेकों प्रस्ताव बोर्ड के पास आ रहे हैं। ऐसे में अगर अब भी सरकार से जमीन अलॉट नहीं होती तो मजबूरन बोर्ड को अपना रीजनल ऑफिस यूपी में स्थापित करना पड़ता। जो पहाड़ के स्कूल और स्टूडेंट्स दोनों के लिए ही परेशानी भरा होता। अगर यही हालात बने रहे तो कहीं ऐसा न हो कि राजधानी अपना रीजनल ऑफिस होने का गौरव ही खो बैठे।

केंद्र सरकार द्वारा संचालित सीबीएसई देहरादून रीजन बोर्ड उत्तरप्रदेश के ख्ख् जिलों सहित उत्तराखंड के सभी स्कूलों को राहत देने का काम कर रहा है। रीजनल ऑफिसर का चार्ज संभालने के बाद से जमीन को लेकर गंभीरता से प्रयास किए गए। इसी का नतीजा है कि यह संभव हो पाया।

----- रणवीर सिंह, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसई देहरादून

Posted By: Inextlive