भारत में कोरोना वायरस संक्रमण में लगातार रिकाॅर्ड बढ़ोतरी की वजह से मेडिकल व्यवस्थाएं बदतर हो गई हैं। ऐसे में दुनिया के कई देश भातर की मदद में सामने आए हैं। संक्रमण की वजह से दुनिया भर की सरकारें चिंतित हैं।


टोक्यो (राॅयटर्स)। लगातार पांचवें दिन सोमवार को भारत में कोरोना वायरस के मामले पीक पर रहे। तेजी से बढ़ते संक्रमण की वजह से अस्पतालों में जगह नहीं है। ब्रिटेन, जर्मनी तथा अमेरिका ने महामारी से निपटने के लिए तत्काल मेडिकल सहायता भेजने की पेशकश की है। एक उच्च यूरोपीय अधिकारी ने कहा कि जिन अमेरिकियों को कोविड-19 वैक्सीन लग चुकी है वे इस गर्मी के मौसम में यूरोप की यात्रा पर आ सकते हैं। उन्हें ट्रैवल प्रतिबंधों से छूट होगी।फ्रांस तथा जर्मनी के हालात में नाजुक


फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राॅन सरकार देश से महामारी की तीसरी लहर के खात्मे की घोषणा करने के लिए संकेतों का पता लगा रहे थे कि एकाएक संक्रमण की संख्या में तेजी आ गई। जर्मनी में वीकेंड प्रतिबंधों के बावजूद संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। यहां के वित्तमंत्री ओलाफ शोलज ने कहा कि मई के अंत तक प्रतिबंधों में ढील नहीं दी जाएगी।ब्रिटेन की आधी जनसंख्या को लगी वैक्सीन

स्विटजरलैंड के फेडरल पब्लिक हेल्थ ऑफिसर ने कोविड-19 के भारतीय वैरिएंट के पहले मामले की यहां मिलने की पुष्टि की है। संक्रमण रोकने के लिए यहां अन्य देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। ब्रिटेन की आधी जनसंख्या को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है। हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने यह जानकारी दी।कनाडा आयात करेगा 1.5 मिलियन एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीनअमेरिकी सीडीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक, जो बच्चे समर कैंप में शामिल हो रहे हैं वे कम से कम 3 फुट की दूरी बनाए रखेंगे तथा मास्क पहने रहेंगे। यह कदम संक्रमण के नियंत्रण को लेकर उठाए गए हैं। कनाडा के हेल्थ डिपार्टमेंट ने कहा कि एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन की 1.5 मिलियन डोज आयात की जाएगी। वहीं मेक्सिको के उच्च राजनयिक मास्को जा रहे हैं ताकि स्पूतनिक-V वैक्सीन के आयात में देरी के कारण उसका उत्पादन मेक्सिको में ही किया जा सके।

Posted By: Satyendra Kumar Singh