- हर कॉलेज एक गांव लेगा गोद, उठाएगा स्वच्छता और लिट्रेसी का जिम्मा

- देश में वर्ष 2030 तक, उत्तराखंड में 2022 तक हासिल होगा पूर्ण लिट्रेसी का टारगेट

- दून यूनिवर्सिटी में 'उत्तराखंड हायर एजुकेशन में क्वालिटी उन्नयन और नवाचार' सब्जेक्ट पर हुई संगोष्ठी

>DEHRADUN: दून यूनिवर्सिटी में 'उत्तराखंड हायर एजुकेशन में क्वालिटी उन्नयन और नवाचार' सब्जेक्ट पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन के चीफ गेस्ट डॉ। धन सिंह रावत ने कहा कि नई एजुकेशन पॉलिसी भारतीय दर्शन के इर्द-गर्द है। इसके तहत नेशनल लेवल पर वर्ष 2030 तक देश में पूर्ण लिट्रेसी की बात कही गई है, लेकिन उत्तराखंड सरकार का प्रयास है कि वर्ष 2022 तक टारगेट हासिल कर सकें।

गांव को गोद लेंगे कॉलेज

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत संडे को कुलपतियों व प्रिंसिपल्स को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी प्रिंसिपल्स नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट का अध्ययन करें और इसके क्रियान्वयन के लिए सार्थक प्रयास करें। एक अभिनव प्रयोग के रूप में हर कॉलेज एक गांव को गोद लेगा और इसमें स्वच्छता और साक्षरता को अनिवार्य रूप से लागू करेगा। नवाचार के रूप में हर कॉलेज को कुछ न कुछ अवश्य करना है।

कई सब्जेक्ट्स पर हुआ मंथन

प्रोग्राम में बतौर स्पेशल गेस्ट प्रिंसिपल सेक्रेटरी हायर एजुकेशन आनंद वर्धन ने कहा कि दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान हायर एजुकेशन के उन्नयन व नवाचार के लिए तमाम सब्जेक्ट्स पर मंथन हुआ। अब इसे फाइनल टच दिए जाने की जिम्मेदारी डिग्री कॉलेजों के प्रिंसिपल्स की है। अच्छे टीचर्स को उनके कायरें के लिए एप्रिसिएशन व आइडेंटटी दोनों मिलेगी। अपर सचिव डॉ। अहमद इकबाल ने कहा कि 'स्वयं' पोर्टल के उपयोग से स्टूडेंट्स को सुविधा मिल सकती है। इस दौरान दून युनिवर्सिटी के कुलपति व अध्यक्ष प्रो। एससी नौटियाल ने कहा कि इस संगोष्ठी में आये तमाम सुझाव व विचार उच्च शिक्षा को नई दिशा देंगे। इस दौरान हायर एजुकेशन डायरेक्टर प्रो। एससी पंत, ज्वाइंट डायरेक्टर प्रो। कुमकुम रौतेला, प्रो। एमएसएम रावत, प्रो। केडी पुरोहित, प्रो। रचना नौटियाल, प्रो। डीसी नैनवाल, प्रो। डीसीस गोस्वामी आदि शामिल रहे।

डा। सुमिता श्रीवास्तव की बुक लॉन्च

प्रोग्राम में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा। रावत ने डा। सुमिता श्रीवास्तव की बुक 'क्वालिटी इन्हेंसमेंट इन हॉयर एजुकेशन' का विमोचन भी किया। उन्होंने बुक की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह की बुक्स एजुकेशन का लेवल बढ़ाने में मदद करती हैं।

सोशल मीडिया को एजुकेशन से जोड़ने पर जोर

टेक्निकल सेशन में 'उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड में आईसीटी का पठन-पाठन में क्रियान्वयन' पर भी चर्चा हुई। डा। अजय सेमल्टी ने मूकस, प्रो। एस भट्ट ने सोशल मीडिया को शिक्षा से जोड़ने पर जोर दिया। डीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। अजय सक्सेना ने आईटीसी के माध्यम से हायर एजुकेशन के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर ि1दया।

कॉलेजों में मिलेंगी पूरी फैसिलिटीज

सेकेंड सेशन में 'हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में स्किल डेवलपमेंट और इंटरप्रेन्योरशिप' पर इंडस्ट्रियलिस्ट पंकज गुप्ता व अनिल गोयल ने इंडस्ट्रीज व एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में सिलेबस निर्धारण के लिए समन्वय की बात कही। ग्राफिक एरा व डीआईटी युनिवर्सिटी के कुलपति डा। कमल घनसाला व प्रो। कुलदीप रैना ने कहा कि हमें एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में ऐसे स्टूडेंट्स तैयार करने होंगे, जो वर्तमान समय की डिमांड हैं। वहीं 'हायर एजुकेशन प्रबंधन की रणनीति' को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के सभी डिग्री कॉलेजों में पूरी फैसिलिटीज दी जाएंगी। कोई भी कॉलेज साधन विहीन नहीं रहेगा।

प्रिंसिपल्स ने भी रखे अपने विचार

फोर्थ सेशन में 'उच्च शिक्षा के अंतर्गत सर्वोत्तम प्रथाएं' पर प्रिंसिपल्स ने अपने एक्सपीरियंस शेयर किए। दून यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। सीएस नौटियाल ने कहा कि अच्छी प्रथाएं शिक्षा को बुद्धिमान बनाती हैं। 'उच्च शिक्षा के तहत नई एजुकेशन पॉलिसी व नवाचार' विषय पर एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्रो। वीए बौडाई व सचिव डॉ। रंजीत कुमार सिन्हा ने भी विचार रखे।

Posted By: Inextlive