डिप्टी सीएमओ डॉ. योगेंद्र सिंह सचान की हत्या मामले में हो रही सीबीआई जांच में सिर्फ डॉ. सचान की मौत की जांच होगी. फिलहाल घोटालों की जांच सीबीआई नहीं करेगी.


हाईकोर्ट ने सीबीआई से जांच सिर्फ सचान की मौत के कारणों और परिस्थितियों की करने को कहा है। ऐसे में अगर सीबीआई जांच के दौरान डॉ। सचान की हत्या के पीछे परिवार कल्याण विभाग का घोटाला वजह बनता है तो भी घोटालों की जांच सीबीआई नहीं करेगी। दरअसल परिवार कल्याण विभाग में घोटाले की जांच पहले से यूपी पुलिस कर रही है। इसका मामला लखनऊ के वजीरगंज थाने में दर्ज है।एक साथ दो एजेंसियां नहीं कर सकती जांच


जानकार बताते हैं कि एक साथ दो-दो एजेंसियां किसी भी मामले की जांच नहीं कर सकती। परिवार कल्याण विभाग में हुए घोटालों की जांच पहले से वजीरगंज पुलिस कर रही है। इस केस में आठ लोगों को पुलिस अब तक अरेस्ट कर चुकी है। जिसमें पूर्व सीएमओ डॉ। एके शुक्ला भी शामिल हैं। रिटायर्ड डीजी आईसी द्विवेदी का कहना है कि किसी भी मामले की जांच दो एजेंसियां एक साथ नहीं कर सकती। डॉ। सचान केस में अगर मौत के पीछे घोटाले की वजह सामने आती है तो सीबीआई कोर्ट में अपील करके यूपी पुलिस द्वारा की जा रही जांच को टेकओवर कर सकती है।

वहीं सीबीआई से रिटायर्ड एसपी केएन तिवारी का कहना है कि सीबीआई जांच के दौरान सचान की मौत का घोटालों से संबंध की बात आती है तो इसके लिए सीबीआई कोर्ट को बतायेगी कि इस मामले में घोटालों की जांच करने की जरूरत है या नहीं। अगर घोटालों में सीबीआई जांच की जरुरत पड़ती है तो कोर्ट के आदेश के बाद ही सीबीआई घोटालों की जांच कर सकती है। ऐसे में कोर्ट यूपी पुलिस द्वारा की जा रही इंवेस्टीगेशन के पेपर सीबीआई के हवाले करने का आदेश दे सकती है।लखनऊ पहुंचे सीबीआई के अधिकारीहाईकोर्ट के आदेश के बाद डिप्टी सीएमओ डॉ। योगेंद्र सिंह सचान की मौत के मामले में गठित टीम के मेंबर शनिवार सुबह लखनऊ पहुंच गये। इसमें सीबीआई की देहरादून यूनिट के एसपी नीलाभ किशोर भी शामिल हैं। जेल पहुंची सीबीआई की टीमसीबीआई की तीन सदस्यीय टीम शनिवार की शाम जेल पहुंची और घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने जेल के कुछ दस्तावेजों को भी कलेक्ट किया है। इस दौरान सीबीआई ने पूरे घटना स्थल को अगले निरीक्षण तक के लिए सील कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि संडे को भी सीबीआई की टीम जेल का दौरा करेगी। कल से होंगे तलब

सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के अधिकारी अभी परिस्थितियों का आंकलन कर रहे हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने अभी किसी से पूछताछ नहीं की है। उम्मीद कर जा रही है कि सोमवार को नोटिस जारी कर घटना से जुड़े लोगों को सीबीआई दफ्तर में तलब किया जाएगा।तीन थानों से जुड़ा है डॉ सचान का केसडिप्टी सीएमओ डॉ। योगेंद्र सिंह सचान की मौत का मामला सुलझाने के लिए सीबीआई को तीन थानों में दर्ज मामलों की इंवेस्टीगेशन भी करनी पड़ेगी। पहला मामला डॉ। योगेंद्र सिंह सचान के खिलाफ पांच अप्रेल को वजीरगंज थाने में दर्ज किया गया था। इसी क्रम में पुलिस ने सचान को छह अप्रेल को डॉ। योगेंद्र सचान को अरेस्ट कर लिया था। इसके बाद 17 जून को डॉ.बीपी सिंह मर्डर केस में एसटीएफ द्वारा अरेस्ट किये गये शूटर आनंद तिवारी, विनोद शर्मा और ठेकेदार आरके वर्मा शामिल थे।
एसटीएफ के अधिकारियों का कहना था कि डॉ। बीपी सिंह की हत्या डिप्टी सीएमओ डॉ.योगेंद्र सिंह सचान ने करायी थी। ऐसे में गोमती नगर पुलिस ने डॉ.बीपी सिंह मर्डर केस की विवेचना में 18 जून को डॉ। सचान का नाम भी शामिल किया था। 22 जून को जेल के अंदर डॉ। सचान की हत्या का मामला घटना के चार दिन बाद 26 जून को गोसाईंगंज थाने में मामला दर्ज किया गया था। अब सीबीआई के सामने चुनौती हत्या की वजह तलाशने की होगी। इसके लिए घोटालों की जांच कर रही यूपी पुलिस और सीबीआई के बीच तालमेल बैठाना भी बड़ी चुनौती होगी। कोर्ट के फैसले का इंतजारडॉ। बीपी सिंह और डॉ। विनोद आर्या के मामले में सीबीआई की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 18 जुलाई को सुनवाई होनी है। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि इन दोनों मामलों की भी जांच अगर सीबीआई को दी जाती है तो और भी कई चौंकाने वाली चीजें सामने आ सकती हैं।

Posted By: Inextlive