-मामला सरकार तक पहुंचने के बाद डीजी इन्फॉर्मेशन ने दिए बैठक बुलाने के निर्देश

-बैठक में केवल सिनेमाहाल, मल्टीप्लैक्स, फिल्म मेकर्स व प्रोड्यूर्स होंगे शामिल

देहरादून, मल्टीप्लैक्स के नये दौर में दून सहित उत्तराखंड के ज्यादातर सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर बंद हो गये हैं। सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर पिछले एक दशक से बुरे दौर से गुजर रहे हैं। स्थितियां ये हैं कि दून के अलावा गढ़वाल व कुमाऊं दोनों मंडलों में पुराने दौर से मौजूद सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में से 60 परसेंट पर ताले लग चुके हैं। इनके खुलने की स्थितियां किसी चुनौती से कम नहीं हैं। अब सिनेमाहाल संचालकों, फिल्म मेकरों व विशेषज्ञों की निगाहें सरकार पर टिकी हैं। जानकार मानते हैं कि इनके खोलने के लिए सरकार को किसी योजना के तहत तवज्जो दी जाए। इसी को देखते हुए सूचना महानिदेशक ने जल्द ही सिनेमाहाल व मल्टीप्लैक्स के अलावा रीजनल फिल्म मेकर्स व प्रोड्यूसर्स की बैठक बुलाने का भी भरोसा दिया है।

'बौडिगी गंगा' ने गरमाया मुद्दा

अगस्त आखिरी के हफ्ते में फिल्म मेकर अनिरुद्ध गुप्ता की गढ़वाली फिल्म 'बौडिगी गंगा' को दून के मल्टीप्लैक्स में फिल्म के प्रदर्शन के लिए पापड़ बेलने पड़े। अनिरुद्ध गुप्ता ने खुद बताया कि उन्हें गढ़वाली फिल्म के प्रदर्शन के लिए डेढ़ साल का वक्त लगाया। बमुश्किल राजपुर रोड स्थित एक मल्टीप्लैक्स ने सहमति दी। लेकिन बीच में ही फिल्म के प्रदर्शन को लेकर विवाद गहरा गया। फिल्म प्रदर्शन के दौरान विजिटर्स न आने के कारण मल्टीप्लैक्स ने आपत्ति जताई। फिल्म मेकर ने सोशल मीडिया पर आपबीती सुनाई। मामला सूचना महानिदेशक एमएस बिष्ट तक पहुंचा। सूचना महानिदेशालय पर बैठक बुलाई गई। जहां फिल्म से जुड़े एक्सप‌र्ट्स ने सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के वर्तमान हालात व चालू मल्टीप्लैक्स की सूची उपलब्ध कराई। तैयार इस सूची पर गौर किया जाए तो सिंगल स्क्रीन के सिनेमाहालों में से अधिकतर बंद हो चुके हैं। एकाध जो है, वे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।

अब सरकार से उम्मीद

हकीकत सामने आने के बाद डीजी इन्फॉर्मेशन ने फिल्म बोर्ड के नोडल अधिकारी केएस चौहान को जल्द बैठक बुलाने के निर्देश दिए। कहा, इन सिनेमाहालों के हालात पर सिनेमाहाल मालिकानों, मल्टीप्लैक्स संचालकों व फिल्म मेकर्स व प्रोड्यूर्स को शामिल किया जाए। जिसमें ऐसे सिनेमाहालों के पुनर्जीवित करने की संभावनाएं तलाशने की कोशिश ढूंढे़ जाने पर विचार किया जा सकता है। सैटरडे को हुई बैठक में कई मल्टीप्लैक्स चालकों ने गढ़वाल में भी छोटे स्तर के मल्टीप्लैक्स खोलने पर सहमति दी। लेकिन बंद हो चुके और बंदी की कगार पर पहुंच चुके सिनेमाहाल को पुनर्जीवित करने पर फिल्म मेकर्स व जानकारों ने सरकार की किसी लोन योजना में लोन राशि बढ़ाने पर विचार रखे। बैठक में विचार आए कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना से भी ऐसे सिनेमाघरों को लोन दिए जाने पर विचार हो सकता है। जिससे सिनेमाहाल जीवित हो सकें और इनके जरिए रीनजल फिल्मों को प्रदर्शित करने का मौका मिल सके। इसके अलावा बैठक में जानकारों ने यह भी मुद्दा उठाया कि सरकार के जिलों में तैयार थियेटरों में रीजनल फिल्मों के प्रदर्शन की मंजूरी दी जाए।

दून में बंद सिनेमाघर

-दिग्विजय

-कृष्णा पैलेस।

-कैपरी।

-कनक।

-लक्ष्मी।

-फिल्मिस्तान।

-पिक्चर पैलेस मसूरी।

-जुबली मसूरी।

-रियाल्टो मसूरी।

-रॉक्सी मसूरी

-कैपिटल मसूरी।

-हर्ष डोईवाला

-छाया सिनेमा ऋषिकेश।

-गगन हर्बटपुर।

-अभिनव विकासनगर।

-शशि टॉकीज सहसपुर

दून में चालू सिनेमाघर

-प्रभात।

-नटराज।

-न्यू एम्पायर।

-पायल।

-छायादीप।

-ओरियंट।

-रिट्ज वासु मसूरी टू-स्क्रीन।

-रामा पैलेस ऋषिकेश।

-न्यू उपासनी विकासनगर।

चालू मल्टीप्लैक्स

-सिल्वर सिटी।

-पीवीआर।

-क्रॉस माल रोड।

-मुक्ता सिनेमाज।

-ग्लिट्ज।

-कॉर्निवाल सिनेमाज बसंत बिहार।

हरिद्वार में 6 चालू व 9 बंद

हरिद्वार का भी यही हाल है। यहां गंगा, चित्रा, बेव सिनेमाज, सन सिटी, रुड़की टॉकीज व रेलिंग रिक्स मल्टीप्लैक्स चालू हैं। लेकिन पायल, संगीता, शिव पैलेस, जमुना, अशोका, वैशाली व मंगलौर टॉकीज जैसे सिनेमाघर बंद हैं।

गढ़वाल के सिनेमाघर की स्थिति

गढ़वाल क्षेत्र में भी कई सिनेमाघर बंद हो चुके हैं। जिसमें कोटद्वार में गढ़वाल टॉकीज, दीप, उर्वशी बंद हो चुके हैं। जबकि कैप्टन सिनेमाज चालू हैं। ऐसे ही लैंसडौन में अग्रवाल सिनेप्लेक्स चालू है। सतपुली में मां धारी टॉकीज, पौड़ी में ज्योति व देवी बंद है। ऐसे ही श्रीनगर में संजय टॉकीज, जोशीमठ में शोशा, गोपेवश्वर में गोपी टॉकीज बंद हो चुके हैं। हालांकि टिहरी में त्रिहरि चालू है, लेकिन उत्तरकाशी में विश्वनाथ टॉकीज, भागीरथी, प्रसाद भी बंद हो चुके हैं। ऐसे ही चंबा में वर्षो पुराना गौतम सिनेमाहाल भी बंद हो चुका है। इसके अलावा सतपुली में मां धारी टॉकीज भी बंद है।

कुमाऊं के हाल भी बुरे रहे

नैनीताल में भले ही न्यू कैपिटल चालू हो, लेकिन नैनीताल में ही अशोक, विशाल पर ताला लग चुका है। जबकि हल्द्वानी में पे्रम, नाहिद बंद हो चुके हैं। लेकिन इस शहर में सरगम व सनसिटी मल्टीप्लैक्स अब तक चालू हालत में है। रामनगर में भी सेरासेरी मल्टीप्लैक्स चल रहा है। जबकि अल्मोड़ा में जागनाथ, रीयल व नोवा बंद हो चुके हैं। खटीमा में शारदा व प्रेम टॉकीज बंद हो चुके हैं। जसपुर में शक्ति बद है, लेकिन रेव चालू है। किच्छा में अनुपम व उर्वशी चालू, रुद्रपुर में श्याम, सिब्बल, चावला व सिविल सिनेमा बंद। काशीपुर में दीपक टॉकीज, रतन टॉकीज व विकास बंद हो चुके हैं। लेकिन यहां एसआरएस सिनेमॉज व सन सिटी मल्टीप्लैक्स चालू हैं। बात रानीखेत की करें तो यहां ग्लोब, लक्ष्मी, नॉवेल्टी पर ताला लग चुका है। जबकि पिथौरागढ़ में नटराज, सितारगंज में नेमका, बागेश्वर में ओडियन, नरगिस, बालासोर व विजया सिनेमाघर बंद हो चुके हैं।

Posted By: Inextlive