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-लंबे समय से लोकोमोटिव इंजन को नहीं किया गया चालू

-हर शनिवार एवं रविवार को शाम को चालू करने के है निर्देश

-रेलवे के इतिहास में दर्ज है रुड़की रेलवे स्टेशन का नाम

ROORKEE (JNN) : अब रुड़की रेलवे स्टेशन के बाहर रखे लोकोमोटिव इंजन के न तो पहिये घूमते हैं और न ही सीटी बजती हैं, जबकि रेलवे की ओर से इस पर लगे बोर्ड पर लिखा गया है कि यह इंजन प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को शाम चार बजे से लेकर छह बजे तक चालू किया जाएगा।

शिकायत के बाद भी नहीं हुआ इंजन चालू

रेलवे के इतिहास में रुड़की का महत्वपूर्ण स्थान है। जानकारों के मुताबिक ख्ख् दिसंबर क्8भ्क् को रुड़की में पहली मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाई गई थी। रेलवे के इतिहास से यात्रियों को जोड़ने के लिए रेलवे की ओर से एक लोकोमोटिव इंजन स्टेशन परिसर के बाहर रखा गया है। इस इंजन को जब चालू किया जाता है तो वह भांप के इंजन की भांति धुंआ निकलता है, साथ ही इसी सीटी भी भांप के इंजन की तरह बजती है। रेलवे की ओर से इस इंजन को प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को शाम चार बजे से लेकर छह बजे तक चलाने के निर्देश हैं, लेकिन लंबे समय से इस इंजन को चालू नहीं किया गया है। शिक्षक ओमप्रकाश चौहान, राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि अक्सर वह रविवार की शाम को इस इंजन को दिखाने के लिए बच्चों को लेकर आए, लेकिन इस इंजन को चालू ही नहीं किया जाता। इस बाबत रेलवे के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन रेलवे के अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

इस बाबत कुछ लोगों की शिकायत मिली है, जिस पर विद्युत सेक्शन को पत्र भेजा गया है कि इस इंजन को तत्काल चालू किया जाए।

- केएस गुंज्याल स्टेशन अधीक्षक रुड़की

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सीनियर डीसीएम ने भी जताई थी नाराजगी

स्टेशन पर फव्वारे एवं इंजन को चालू न करने पर ख्8 दिसंबर ख्0क्ब् को निरीक्षण के दौरान मुरादाबाद मंडल के सीनियर डीसीएम चंद्रिका प्रसाद ने भी कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे चालू करने के निर्देश दिए थे।

Posted By: Inextlive