Mahashivratri 2023 : भगवान शिव दुनिया भर में हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले त्रिदेवों में से एक हैं। महाशिवरात्रि पर उनके ज्योतिर्लिंगों के दर्शन व पूजन का विशेष महत्व है। आइए जानें शिव के 12 मुख्य ज्योतिर्लिंगों के बारे में...

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Mahashivratri 2023 : महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पूजन का विशेष महत्व है। शिव को दुनिया की बुराई का नाश करने वाला माना जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को मनायी जा रही है। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ज्योतिर्लिंग दर्शन शुभ होता है। ज्योतिर्लिंग की पूजा, उपासना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की जा सकती है। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक एक ज्योतिर्लिंग या ज्योतिर्लिंगम शिव का प्रतिनिधित्व है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है "चमक"। शिव पुराण में 64 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है। इनमें से 12 को महाज्योतिर्लिंगम या महान ज्योतिर्लिंग कहा जाता है।
सोमनाथ, सौराष्ट्र (गुजरात)
यह देश का सबसे पुराना और पहला ज्योतिर्लिंग माना गया है। यह मंदिर देश के पश्चिमी छोर गुजरात के सौराष्ठ प्रांत के कठियावाड क्षेत्र में स्थित है।

मल्लिकार्जुन, कुरनूल (आंध्र प्रदेश)
इसे श्रीशैल भी कहा जाता है और यह रायलसीमा के कुरनूल जिले में पहाड़ पर स्थित है। मंदिर वास्तुशिल्प रूप से समृद्ध है और इसमें विभिन्न मूर्तियां हैं। इस स्थान पर शक्ति पीठ और ज्योतिर्लिंग एक साथ हैं।

महाकालेश्वर, उज्जैन (मध्यप्रदेश)
उज्जैन अपने शिव मंदिर के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यह एकमात्र ऐसा भी है जो दक्षिण की ओर है और इसमें श्री रुद्र यंत्र को गर्भगृह की छत पर उल्टा रखा गया है। यहां भी ज्योतिर्लिंग के साथ शक्ति पीठ भी है।

ओंकारेश्वर, खंडवा (मध्य प्रदेश)
यह मध्य प्रदेश में स्थित है। यह नर्मदा नदी में एक द्वीप पर है और महला मंदिर में ज्योतिर्लिंग मंदिर का घर है।