क्‍या आपने कि‍सी ट्रेन को टॉर्च की रोशनी में दौड़ते हुए देखा है। शायद आपका जवाब नहीं होगा लेक‍िन हाल ही में मोतीपुर से मुजफ्फरपुर के बीच करीब 20 किलोमीटर तक टॉर्च की रोशनी में दौड़ी है। आइए जानें पूरा माजरा...


आगे बढ़ाने में दिक्कतबिहार में सोमवार की रात मोतीपुर से मुजफ्फरपुर के बीच करीब 20 किलोमीटर तक टॉर्च की रोशनी में मंडुआडीह एक्सप्रेस 20 से 30 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार चलाई गई। मोतीपुर स्टेशन पर मंडुआडीह एक्सप्रेस पांच मिनट रुकने के बाद जैसे ही चली, इंजन की मेन लाइट खराब हो गई। ट्रेन को आगे बढ़ाने में दिक्कत होने लगी। तत्काल लाइट ठीक करने की कोशिश की गई, लेकिन खराबी पकड़ में नहीं आ सकी। लोको पायलट ने स्थानीय स्टेशन मास्टर व कंट्रोल को सूचना दे ट्रेन आगे ले जाने से मना कर दिया। उसने दूसरा इंजन उपलब्ध कराने की मांग की। कंट्रोल की ओर से कोई उचित जवाब नहीं मिला। इंजन की लाइट पर टॉर्च
इस दौरान लोको पायलट को जैसे-तैसे व्यवस्था कर ट्रेन को मुजफ्फरपुर तक पहुंचाने का निर्देश दिया। अधिकारियों से मिले निर्देश के बाद सुरक्षा ताक पर रखकर ट्रेन को चलाया गया। लोको पायलट ने टॉर्च को इंजन की लाइट पर लटका दिया। मद्धिम रोशनी में ट्रेन आगे बढ़ी। पायलट बड़ी सतर्कता से रोक-रोककर ट्रेन चलाता रहा। करीब 20 किमी की दूरी तय करने में डेढ़ घंटे का समय लगा। ट्रेन के मुजफ्फरपुर जंक्शन पर पहुंचने के बाद इंजन की लाइट ठीक की गई। इसके बाद देर रात 12 बजे वापस मंडुआडीह के लिए इसे चलाया गया। यहां गार्ड व लोको पायलट ने कहा कि टॉर्च की रोशनी में ट्रेन चलाना बहुत कठिन था।सैन्य अफसर के घर की छत पर गिरा मल, जानें क्यों उसकी जांच करेंगे वैज्ञानिक

Posted By: Shweta Mishra