- एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट प्रोफेसर से दु‌र्व्यवहार का मामला

- पीडि़त असिस्टेंट प्रोफेसर का मामला पहुंचा महिला आयोग

- मुझे न्याय चाहिए, इसे पाकर रहूंगी

PATNA : एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज में डायरेक्टर डॉ डीएन दिवाकर पर महिला असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा लगाए गए प्रताड़ना के आरोप का मामला महिला आयोग पहुंच चुका है। पीडि़ता ने बताया कि मैं अपनी बात पुलिस के सामने रख चुकी हूं। मुझे इंसाफ चाहिए। यहां न्याय नहीं मिलने पर मैं आगे जाऊंगी। उन्होंने बताया कि मैंने मेल से वीमेंस कमीशन को शिकायत कर दिया है।

वर्किंग मदर के लिए सुविधा जीरो

एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में कई फैकल्टी मेंबर वर्किंग मदर हैं। वहीं कई रिसर्च स्कॉलर के भी छोटे-छोटे बच्चे हैं। कैंपस टाइम में छोटे बच्चों का केयर करने में इन्हें परेशानी होती है। यूजीसी के नॉ‌र्म्स के अनुसार वर्किंग मदर के लिए कैंपस में चाइल्ड केयर सेंटर होना चाहिए। सेंटर में ट्रेंड मेड सर्वेट हो। वहां बच्चों के लिए खाने-पीने, साफ-सफाई सहित अन्य जरूरी सामान होने चाहिए। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में ये सुविधाएं नहीं हैं। कैंपस के फैकल्टी मेंबर्स एवं रिसर्च स्कॉलर विवाद के डर से इस मामले में कुछ नहीं कहती हैं। वहीं इस मामले में डायरेक्टर डॉ डीएन दिवाकर का कहना है कि इंडस्ट्री नहीं है जहां बच्चों के लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। दूसरी ओर डायरेक्टर के बयान पर असिस्टेंट प्रोफेसर अनुजा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कोई भी प्लेस हो, एकेडमिक इंस्टीट्यूट या इंडस्ट्री वहां पर वीमेंस या चाइल्ड वेलफेयर का राइट समाप्त नहीं होता है।

जांच कर उचित कार्रवाई हो

एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट ऑफ साइंसेज के डिविजन ऑफ सोशियोलॉजी एंड सोशल एंथ्रोपोलॉजी में महिला असिस्टेंट प्रोफेसर अनुजा द्वारा डायरेक्टर डॉ डीएम दिवाकर पर असभ्य भाषा में बात करने के आरोप पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय सोनिया गांधी ब्रिगेड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ वर्मा ने मामले की जांच कराने और उचित कार्रवाई करने की मांग सीएम और गवर्नर से की है। वर्मा ने कहा कि अनुजा ने संस्थान के चेयरमेन से लेकर गवर्नर, सीएम, महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, गांधी मैदान पुलिस सहित क्7 संवैधानिक संस्थाओं को शिकायत की, बावजूद नतीजा सिफर रहा। मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, जिससे एक महिला प्रोफेसर की गरिमा को ठेस पहुंची है।

Posted By: Inextlive