- कार या बाइक में किया मॉडिफिकेशन तो जुर्माने के साथ मिलेगी सजा

- किसी भी गाड़ी से अब नहीं कर सकेंगे छेड़छाड़

GORAKHPUR: चौड़ा टायर, ब्लैक शीशा, बम्पर हाई, साइलेंसर ऐसा जो सीधे गाड़ी की छत पर नजर आए। ऐसी गाडि़यां लेकर शहर के चौराहों पर घूमना लोग अपनी शान समझते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। गवर्नमेंट ने बाइक या कार से छेड़छाड़ करने वालों पर नकेल कसने का मन बना लिया है। इसके लिए दिसंबर से नया नियम भी लागू हो सकता है। इसलिए अगर आप कार या बाइक में कोई मॉडिफिकेशन कराने की सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। ऐसा करने पर जुर्माने के साथ तीन महीने की सजा हो सकती है।

पहले भी था नियम पर नहीं करते फॉलो

आरटीओ से मिली जानकारी के अनुसार सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय मोटर वाहन अधिनियम संशोधन 2019 में विभिन्न धाराओं को लागू करने की कवायद कर रहा है। इसमें वाहन के मूलस्वरूप में बदलाव करने पर भी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस संबंध में नवंबर में बैठक होने जा रही है। आम सहमति के बाद संबंधी धारा के नियम लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। वर्तमान में कार और मोटरसाइकिल में बदलाव करने पर जुर्माना नहीं लिया जाता है, लेकिन यह गैर कानूनी है।

ऐसे बदलाव किए तो देना होगा जुर्माना

- हेडलाइट में एलईडी लाइट लगाना

- प्रेशर हॉर्न

- चौडे़ टायर

- अधिक रफ्तार के लिए इंजन में बदलाव

- कार की बॉडी को बदलना

- कार के रंग में परिर्वतन

- साइलेंसर हटाना

- काले शीशे लगाना

- फैंसी नंबर प्लेट लगाना

- कार के अंदर बाहर व नीचे अतिरिक्त रंग-बिरंगी लाइटिंग करना

- टेल लाइट बदलना

बॉक्स

तीन महीने की होगी कैद

नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम में वाहन में परिवर्तन करने पर पहली बार 1500 रुपए का चालान है। यदि वाहन की टक्कर से किसी को चोट लगती है अथवा वाहन क्षतिग्रस्त होता है तो पांच हजार रुपए का जुर्माना व तीन महीने की कैद का प्रावधान है।

मानकों के तहत परिवर्तन संभव

गोरखपुर एआरटीओ ने बताया कि एआईएस(ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड) मानकों के तहत वाहन में परिर्वतन किया जा सकता है। इसके लिए वाहन मालिक को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से मंजूरी लेनी होगी। जैसे दिव्यांग टू-व्हीलर में दो अतिरिक्त पहिए लगा सकते हैं। इसके अलावा दिव्यांग कार में परिवर्तन करा सकते हैं। लेकिन वाहनों को फैंसी बनाने और हाईस्पीड बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

हादसे की वजह बनते मॉडिफाइड वाहन

एक्सप‌र्ट्स की मानें तो कार की एलईडी लाइट सामने वाले वाहन चालक को कुछ देर के लिए अंधा बना देती है। यह हादसे का बड़ा कारण है। अतिरिक्त सामग्री लगाने पर वाहन का वजन बढ़ जाता है। जबकि तय मानक से अधिक वजन नहीं बढ़ाया जा सकता है। इससे बैलेंस बिगड़ने का खतरा रहता है। प्रेशर हॉर्न व साइलेंसर निकालने से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।

वर्जन

गाडि़यों में परिवर्तन करना गलत है। नए नियम बनाने पर बात चल रही है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

- श्याम लाल, आरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive