सांप्रदायिक सौहार्द की नई मिसाल पेश करेगी अयोध्या
चस्पा किया गया नोटिस सिर्फ यही नहीं, ये भी बताया गया है कि मस्जिद को बनाने का पूरा खर्च खुद हनुमानगढ़ी मंदिर ट्रस्ट ही उठाएगा। गौरतलब है कि बीते दिनों अयोध्या स्थानीय निकाय की ओर से इस आलमगिरी मस्जिद को खतरनाक करार दे दिया गया था। इसके साथ ही ये भी कहा गया था कि यहां जाना किसी के लिए भी खतरे से खाली नहीं होगा। मस्जिद को खतरनाक बताते हुए यहां नोटिस भी चस्पा कर दिया गया था। ट्रस्ट ने किया फैसला इसके बाद हनुमानगढ़ी ट्रस्ट की ओर से फैसला किया गया है कि मस्जिद वाली जगह पर अब न सिर्फ दोबारा से मस्जिद का निर्माण करावाया जाएगा, बल्कि यहां नमाज पढ़ने की अनुमति भी लोगों को दी जाएगी। इस निर्माण का पूरा खर्च हनुमानगढ़ी ट्रस्ट की ओर से वहन किया जाएगा। यहां एक बार इस मस्जिद के निर्माण को याद करने की जरूरत है।
इस मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के एक सेनापति ने करवाया था। उन्हीं के नाम पर इस मस्जिद का नाम आलमगीर रखा गया था। इसके बाद 1765 में मस्जिद की जमीन को एक शर्त पर हनुमानगढ़ी मंदिर ट्रस्ट को दान में दे दिया गया। शर्त ये थी कि मस्जिद में पहले की ही तरह नमाज होती रहेगी। इसके बावजूद प्रशासन ने कभी भी इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इस अनदेखी की वजह से मस्जिद की हालत और भी ज्यादा जर्जर होती चली गई।Interesting Newsinextlive fromInteresting News Desk