- सिसकती रही मां, नहीं जागी पुलिस की संवेदना

- चिलुआताल में मिली लापता युवक की डेड बॉडी

GORAKHPUR: पांच दिन पहले रास्ते से गायब हुए कलेजे के टुकड़े को एक मां ने आखिर खोज निकाला। पर अफसोस जिस बेटे को वह जिंदा देखना चाहती थी, पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं, बेटे की तलाश में बेबस मां भटकती रही लेकिन पुलिस को उसके दर्द पर मरहम लगाने की फुर्सत नहीं मिली। पहले ही दिन डेड बॉडी देखकर मछुआरों ने पुलिस को सूचना दी। फिर भी चिलुआताल पुलिस की संवेदना नहीं जागी। एसओ और सिपाहियों को डेड बॉडी की ओर देखने भर की फुर्सत नहीं मिली। पुलिस की लापरवाही से पांच दिनों तक डेड बॉडी पानी में सड़ती रही। शुक्रवार को बेटे की तलाश में निकली मां ने जब पुलिसवालों को कोसा तब कहीं जाकर उनकी संवेदना जागी और वर्दी वाले डेड बॉडी निकालने ताल में पहुंचे।

दुकान के लिए निकला था

गोरखनाथ एरिया के जटेपुर दक्षिणी, धर्मशाला बाजार निवासी वीरेंद्र कुमार का बेटा सागर बिरयानी शॉप पर काम करता था। 27 अगस्त की सुबह करीब सात बजे वह दुकान की साफ-सफाई करने निकला। उसने परिजनों से कहा कि 11 बजे मालिक राकेश के आने पर लौटकर घर आ जाएगा। लेकिन उसके बाद वह नहीं लौटा। काफी देर तक उसके ना पहुंचने पर मां ने पूछताछ शुरू की। सागर से बात ना होने पर वह परेशान हो गई।

10 हजार रुपए थे उसके पास

बिरयानी शॉप के मालिक राकेश से सागर की मां रीता ने बेटे के बारे में बात की। पता लगा कि उसके मोहल्ले के सूरज और मोनू भी घर पर नहीं हैं। युवक के पास घर का बिजली बिल जमा कराने के 10 हजार रुपए भी थे। इसलिए मां के मन में बुरे ख्याल आने लगे। उन्होंने अपने परिचितों की मदद से बेटे की तलाश शुरू कर दी। उसका मोबाइल ऑफ होने से परिजन परेशान हो गए। मां ने गोरखनाथ पुलिस को सूचना देकर कार्रवाई की मांग की। लेकिन पुलिस मामले में टालमटोल करती रही। मां ने बेटे के साथ अनहोनी की आशंका जताई। इसके बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया, लेकिन मां अपने जिगर के टुकड़े की तलाश में भटकती रही।

मछुआरों के बताने पर हुई पहचान

शुक्रवार को बेटे की तलाश में रीता चिलुआताल के महेसरा गांव के पास पहुंची। कुछ मछुआरों ने बताया कि महेसरा पुल के पास मां वामंत का मंदिर है। उससे कुछ दूरी पर पांच दिनों से एक युवक की डेड बॉडी पड़ी है। मछुआरों ने उसका पहनावा बताया तो रीता को शक हुआ। आनन फानन में वह ताल पर पहुंचीं। नाव वाले की मदद से पानी में उतराई बेटे की डेड बॉडी देखते ही दहाड़ मारकर रोने लगी। मंदिर पर मौजूद लोगों की मदद से पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची तो डेड बॉडी बाहर निकाली गई।

बड़े भाई की हुई थी हत्या

रीता ने बताया कि उसके चार बेटे थे। बड़े बेटे शक्ति की आठ साल पहले जहर खिलाकर हत्या कर दी गई। तभी से वह अपने बेटों को लेकर काफी चिंतित रहती थी। इसलिए वह सागर, सोनू और राजेश का पूरा ख्याल रखती थी। पिता वीरेंद्र के दिव्यांग होने से परिवार की सारी जिम्मेदारी सागर पर आ गई। छोटे भाइयों सोनू और राजेश को पढ़ाने के लिए उसने बिरयानी की दुकान पर काम शुरू कर दिया।

सिपाही चाहते तो बच जाती जान

मछुआरों ने बताया कि शनिवार को वहां तीन युवक देखे गए थे। एक युवक के डूबने पर दो अन्य भागने लगे। उसका मोबाइल अपने साथ ले गए। चिलुआताल पुल के पास हॉक दस्ता के दो सिपाही खड़े थे। दोनों युवकों ने तीसरे के डूबने की बात बताई लेकिन मामले को गंभीरता से लेने की जगह सिपाहियों ने टरका दिया। हद तो तब हुई जब सिपाहियों ने यह कहा कि डूबा होगा तो दो तीन दिन बाद ऊपर आ जाएगा। मछुआरों के मुताबिक पुलिसवालों की बात सुनकर दोनों युवक भी चले गए। तभी से किसी ने उसकी सुधि नहीं ली।

वर्जन

युवक की डेड बॉडी मिलने की सूचना पर पुलिस पहुंची। इसके पहले कोई जानकारी नहीं मिली थी। अगर शनिवार को किसी ने सूचना दी होती तो पुलिस जरूर पहुंचती। लोग झूठे आरोप लगाते रहते हैं। सड़ी-गली डे्रड बॉडी निकालने भी तो पुलिस ही गई।

- रामबिलास यादव, एसओ चिलुआताल

Posted By: Inextlive