चेन्‍नई एक्‍सप्रेस को लेकर एक खास किस्‍म का माहौल क्रिएट करने में फिल्‍म की पूरी यूनिट ने बहुत मेहनत की है किसी हद तक वो इस कोशिश में कामयाब भी हुए और रिलीज से पहले ही बज क्रिएट करने में सक्‍सेजफुल हुए हैं. अब फिल्‍म सिनेमाघरों में है और किसी हद तक वैसी ही जैसी इससे उम्‍मीद की जा रही थी.

राहुल(शाहरुख खान) 40 साल का हो चुका है और अब तक अन मैरिड है क्योंकि उसके ग्रैंड फादर उसको लेकर ओवर प्रोटेक्टिव थे. वो मुंबई का रहना वाला है और अपने दादा की लास्ट विश पूरी करने के लिए उनकी एशेज लेकर रामेश्वरम जाना चाहता है जिसके लिए वो चेन्नई एक्सप्रेस में सवार होता है. इसी जर्नी में उसकी मुलाकात साउथ के छोटे से गांव कुंबन की रहने वाली मीना (दीपिका पादुकोण) से होती है. मीना गांव के डॉन की बेटी है. इस मुलाकात के दौरान कुछ ऐसी स्ट्रेंज सिचुएशन बनती है कि राहुल को मीना के साथ उसके गांव जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. और चेन्नई एक्सप्रेस की ये जर्नी राहुल के लिए ऐसा सफर बन जाती है जिसमें सेल्फ रियलाइजेशन के साथ साथ जिंदगी का सबक भी पढ़ने को मिलता है.
इस छोटी सी स्टोरी लाइन को पढ़ कर लगता है कि ये फिल्म एक सीधी सादी लव स्टोरी है. लेकिन ऐसा है नहीं क्योंकि इस फिल्म में किंग ऑफ रोमांस का रोमांटिक अंदाज है. दीपिका की मिसचीवियस प्रेजेंस है और रोहित शेट्टी स्टाइल का एक्शन है कॉमेडी के पर फेक्ट तड़के साथ. फिल्म हिट होने वाले सारे इंग्रीडियंस हैं. आप शाहरुख से ये तो एक्सपेक्ट नहीं कर सकते कि वो अपने पर फेक्ट लवर वाले टैलेंट को भूल सकते हैं और उनके एक्टिंग टैलेंट पर किसी को शक नहीं है. दीपिका इस फिल्म में बेहद कांफीडेंट हैं क्योंकि सक्सेज आपको इतना ब्रेव तो बना ही देती है. बाकी कमाल रोहित का है जो अपनी फिल्म पूरी तरह अपने कंट्रोल में रखते हैं. रोहित की फिल्में एक पट्टीकुलर ट्रैक पर चलती हुई अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचती हैं और हॉल के बाहर आते हुए आप काफी हल्का फुल्का फील करते हैं.
अगर आप फिल्म में कंटेंट ढूंढ रहे हैं तो ऐसा बिलकुल मत करिए ये फिल्म कोई थॉट प्रवोकिंग फिल्म नहीं है बल्कि फुल बॉलिवुड मसाला एक्शन कॉमेडी है जिसे रोमांस का वर्क लगा कर परोसा गया है. शाहरुख का टिपिकल रोमांटिक अंदाज और ठंडा लगता गुस्सा, दीपिका का एक खास स्टाइल से लव को डिनाई करते करते उसमें डूब जाना और रोहित का कार चेज और गाड़ियों में ब्लास्ट करवाना इस फिल्म में वो सब है जो आप एक्सपेक्ट करते हैं सिवाय एक चीज के जिसे हम नावेल्टी कहते हैं. लेकिन वन टाइम वॉच और फुलटू मसाला एंटरटेनमेंट के लिए इस बात को इग्नोर किया जा सकता है.  
विशाल शेखर का म्यूजिक ठीक है कुछ सांग्स जैसे तेरा रस्ता छोड़ूं ना... और 123... सुनने में अच्छे लगते हैं और कभी गुनगुनाए जा सकते हैं. लुंगी सांग फुट टैपिंग है. शाहरुख खान की मौजूदगी में बाकी एक्टर्स के करने के लिए कुछ खास बचता नहीं पर फिर भी निकेतन अच्छे लगे हैं. रोहित अगर शाहरुख के प्रेशर में ना कर केवल अपने ही तरीके से काम करते तो फिल्म और भी बेहतर बनती पर प्रोड्यूसर से पंगा लेना किसी के लिए भी आसान नहीं होता. खैर फिल्म एक बार देखना बनता है क्योंकि इसमें सभी वो चीजें हैं जो आपको पसंद हैं. वैसे भी फेस्टिवल पर सीरियस कौन होना चाहता है. इंज्वॉय करने का ये मूवी अच्छा बहाना है.
 
Cast: Shahrukh Khan, Deepika Padukone, Nikitin Dheer, Manorama, Sathyaraj   
Director: Rohit Shetty

 

Posted By: Kushal Mishra