म्‍यांमार में सत्ता के ऐतिहासिक परिवर्तन के तहत आंग सू की के सहयोगी हतिन क्याव ने म्यांमार के राष्ट्रपति के रूप में बुधवार को शपथ ली। म्यामांर की संसद ने क्याव को 15 मार्च को करीब आधी सदी बाद देश का पहला असैनिक राष्ट्रपति चुना था। म्यांमार में 50 साल के लंबे सैन्य शासन के बाद लोकतंत्रवादी नेता आंग सान सू की की पार्टी ने सत्ता ग्रहण की और उनके करीबी सहयोगी देश के राष्ट्रपति बने है।


सू ची नहीं बन सकतीं थी राष्ट्रपतिपूर्व में सैन्य शासन के अधीन रहे देश के राजनीतिक इतिहास में यह एक नया मोड़ है। सू ची के स्कूली मित्र और उनके निकट सहयोगी हतिन क्याव ने पूर्व जनरल थीन सीन की जगह ली। थीन सीन ने देश में सुधार की शुरूआत की और म्यांमार  को अलग-थलग पड़े राष्ट्र से राजनीतिक और आर्थिक उम्मीदों वाले देश में बदल दिया। सैन्य शासकों के बनाए संविधान के अनुसार 70 वर्षीया सू ची राष्ट्रपति नहीं बन सकती थी। उन्होंने एलान किया था कि किसी भी तरह सरकार की कमान उनके ही हाथों में होगी। उम्मीद की जा रही है कि हतिन क्याव उनकी इसी स्कीम के तहत काम करेंगे।चुनाव में 80 फीसदी सीटें सूची की पार्टी को मिलीं
लोकतंत्र के संक्रमण की लंबी और जटिल प्रक्रिया का अंतिम चरण राजधानी नाएपीदो में सैन्य शासकों की बनाई संसद में पूरा हुआ जहां सत्ता असैन्य शासकों को सौंपी गई। नवंबर के चुनाव में सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी एनएलडी को जबरदस्त जीत हासिल हुई थी। चुनाव में 80 फीसद सीटें एनएलडी की झोली में आई और इस तरह उसे शासन का जबरदस्त जनादेश मिला। वर्ष 1962 से ही सैन्य शासकों ने देश पर निर्मम शासन किया था। इसकी जकड़ समाज पर साफ उजागर है। देश के असैन्य शासकों पर अब यह जिम्मेदारी है कि समाज को आगे बढ़ाने के साथ साथ खराब स्थिति में पड़ी अर्थव्यवस्था को नई उर्जा दें।सू ची हुईं मंत्रिमंडल में शामिल कई अहम मंत्रालयअसैन्य शासन के नए युग का स्वागत करते हुए 69 वर्ष के नए राष्ट्रपति ने म्यांमा संघ के गणराज्य के अवाम के प्रति निष्ठावान रहने का संकल्प किया। क्याव ने सदन से कहा मैं संविधान और उसके कानूनों को बुलंद करूंगा और उसका पालन करूंगा। मैं सत्यनिष्ठा से और अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं के अनुरूप अपनी जिम्मेदारियों को वहन करूंगा। राष्ट्रपति प्रासाद में आयोजित एक कार्यक्रम में थीन सीन ने प्रतीकात्मक रूप से अपने उत्तराधिकारी को सत्ता सौंपी। सू ची इस कार्यक्रम की साक्षी बनीं। उनके होंठों पर मुस्कराहट थी। सू ची इस मंत्रिमंडल में शामिल हुई हैं। उनके पास विदेश मंत्रालय के साथ ही अनेक मंत्रालय और जिम्मेदारियां हैं।

Posted By: Prabha Punj Mishra