भारतीय जनता पार्टी की तरफ़ से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी हासिल करना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए राष्ट्रीय राजनीति में दूसरा बड़ा पड़ाव होगा.

पहली सफलता उन्हें इसी साल जून में पार्टी के क्लिक करें गोवा सम्मेलन में मिल चुकी है जब उन्हें आने वाले चुनावों के लिए भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया.
लेकिन पिछले दो दिनों में कुछ ऐसा हुआ है कि कांग्रेस, सपा, जेडी(यू) और वाम दल मोदी के इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं और मोदी घर और बाहर, दोनों जगह घिर गए हैं.
मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस ने छह सितंबर को गुजरात बंद बुलाया है.
पढ़िए:कौन हैं वंज़ारा
बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं से इस भाजपा सरकार के षडयंत्रपूर्ण चेहरे का पता चलता है. सरकार को तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए."
मोढवाडिया ने कहा कि "वंज़ारा के दस पन्नों वाले पत्र ने पूरे देश की आंखें खोल दी है."
हालांकि गुजरात सरकार ने वंज़ारा के इस्तीफ़े को स्वीकार करने से मना कर दिया है. सरकार के अनुसार तकनीकी आधार पर वंज़ारा का इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया जा सकता.


अमित शाह पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं


वंज़ारा लिखते हैं, ''मैंने ऐसा कभी नहीं देखा कि किसी राज्य के 32 पुलिस अफ़सर फ़र्ज़ी मुठभेड़ों के आरोप में जेल में बंद हैं, जिनमें छह आईपीएस अफ़सर हैं.''
अब तक चुप रहने पर सफ़ाई देते हुए वंज़ारा कहते हैं, ''मैं इतने लंबे वक़्त तक इसलिए शांत था, क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का मैं बहुत सम्मान करता था और उन्हें भगवान की तरह पूजता था. लेकिन मुझे बड़ा दुख है कि 'मेरे भगवान' अमित शाह के बुरे प्रभाव से ऊपर नहीं उठ पाए, जिसने उनकी आंखों और कान पर क़ब्ज़ा कर लिया है."
वंज़ारा कहते हैं कि "साल 2002 से 2007 के बीच क्राइम ब्रांच, एटीएस और बॉर्डर रेंज ने वही किया जो इस सरकार की नीति थी."
वंज़ारा यहीं नहीं रूके, काफ़ी कठोर शब्दों का इस्तेमाल करते हुए वो लिखते हैं, ''मुझे और मेरे साथियों को जिन फ़र्ज़ी क्लिक करें मुठभेड़ों को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया है, अगर उनमें कोई सच्चाई है तो सोहराबुद्दीन, तुलसीराम, सादिक़ जमाल और इशरत जहां मुठभेड़ों की जांच कर रहे अफ़सरों को नीति बनाने वालों को भी गिरफ्तार करना चाहिए. हम तो फ़ील्ड अफ़सर होने के नाते सिर्फ़ उस नीति को अंजाम दे रहे थे.''

Posted By: Satyendra Kumar Singh