नेपाल में रविवार को हुए प्लेन हादसे में कोई भी जीवित नहीं बचा है। रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 14 शव बरामद कर लिए गए हैं। इस विमान में चार भारतीय भी सवार थे और उनकी जान भी चली गई।

काठमांडू (पीटीआई)। नेपाल के पर्वतीय मस्टैंग जिले में रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए तारा एयरलाइंस के विमान में चार भारतीयों समेत 22 लोग सवार थे। अब खबर आई है कि प्लेन में सवार कोई भी जीवित नहीं बचा। तारा एयर से संबंधित टर्बोप्रॉप ट्विन ओटर 9एन-एईटी विमान रविवार की सुबह नेपाल के एक पहाड़ी क्षेत्र में लापता हो गया था और इसमें तीन सदस्यीय नेपाली दल के अलावा चार भारतीय नागरिक, दो जर्मन और 13 नेपाली यात्री थे।

भारतीय यात्रियों की हुई पहचान
नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने कहा कि 14 शव मिले हैं। कनाडा निर्मित विमान पोखरा शहर से मध्य नेपाल के लोकप्रिय पर्यटन शहर जोमसोम के लिए उड़ान भर रहा था। नेपाल सेना ने कहा कि सोमवार को देश के मस्टैंग जिले में एक विमान का मलबा मिला। एयरलाइन ने यात्रियों की सूची जारी की, जिसमें चार भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांदेकर (त्रिपाठी) और उनके बच्चों धनुष और रितिका के रूप में हुई। परिवार मुंबई के पास ठाणे शहर में स्थित था।

मौसम खराब होने की वजह से रेस्क्यू में देरी
दुर्घटना स्थल उस क्षेत्र में है जहां माउंट धौलागिरी, 8,167 मीटर (26,795 फीट) पर दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची चोटी, चीन के साथ नेपाल की सीमाओं के निकट स्थित है। अधिकारियों ने कहा कि नेपाल की सेना के सैनिक और अन्य बचावकर्मी लगभग 14,500 फीट की ऊंचाई पर कठिन पहाड़ी इलाकों में काम कर रहे थे। मस्टैंग जिले के वरिष्ठ नौकरशाह नेत्र प्रसाद शर्मा, ने कहा कि मौसम की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। क्षेत्र में बहुत घने बादल हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari