- रेलवे ने ट्रैक फ्रैक्चर की इंफॉर्मेशन के लिए शुरू किया सर्किट मॉनीटरिंग सिस्टम

- कहीं भी ट्रैक ब्रेक या सिग्नल फेल्योर होने की कंडीशन, पहुंचेगा जिम्मेदारों को एसएमएस

- 15 मोबाइल नंबर सेव करने की होगी व्यवस्था

GORAKHPUR: सेफ्टी और सिक्योरिटी रेलवे की प्रियॉरिटी लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। रोजाना लाखों मुसाफिरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने वाली रेलवे ने इसके लिए काफी होमवर्क भी किया है और हादसों से बचने के लिए नए-नए इंतजाम भी किए हैं। इस कड़ी में एक और नई व्यवस्था जुड़ गई है। अब रेलवे का सिग्नल फेल होने की कंडीशन में ट्रेंस लंबे समय तक एक जगह नहीं खड़ी रहेंगी। या यूं कहें कि सिग्नल फेल्योर की जानकारी जिम्मेदारों को तत्काल मिलेगी और इसको रिपेयर कर वह तत्काल खामियों को दुरुस्त कर ट्रेन दौड़ा सकेंगे। इन सभी की इंफॉर्मेशन ऑटोमेटेड सिस्टम के जरिए जिम्मेदारों तक पहुंच जाएगी। गोरखपुर जोन में यह सिस्टम मगहर-खलीलाबाद के बीच इंस्टॉल कर दिया गया है, अगर कोशिश कामयाब रही, तो जोन में सभी जगह इस सिस्टम को इंस्टॉल किया जाएगा।

15 मोबाइल पर एक साथ अलर्ट

रेलवे की ओर से शुरू की गई यह नई व्यवस्था एक्चुअल में एक हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर बेस्ड अलर्ट सिस्टम है। सिग्नलिंग इक्विपमेंट्स की रिमोट मॉनीटरिंग के लिए बनाया गया यह एसएमएस अलर्ट सिस्टम एनई रेलवे के लखनऊ डिवीजन ने तैयार किया है। इसके तहत सभी सर्किट को एक डिवाइस से कनेक्ट कर दिया गया है और इसको एक सिस्टम से जोड़ दिया गया है। इन सर्किट में फॉल्ट या कोई प्रॉब्लम आते ही यह सिस्टम जिम्मेदारों को एसएमएस अलर्ट भेजेगा। इसमें एक साथ 15 नंबर्स को अटैच किया गया है, जिससे कि अगर एक जिम्मेदार इस पर कोई रिस्पांस नहीं कर पाता है, तो इस कंडीशन में दूसरा एक्शन ले सके। इसमें संबंधित लोगों के मोबाइल नंबर सॉफ्टवेयर के थ्रू फीड किए गए हैं और जीएसएम मॉड्यूल लगाया गया है, जिससे कि इसमें सिम का इस्तेमाल किया जा सके।

हादसों में मिलेगी मदद

अक्सर सिगनलिंग सिस्टम में प्रॉब्लम आने पर ओवरशूट जैसी दिक्कतें हो जाती हैं। अगर मैंड प्लेसेज पर सिग्नल फेल्योर हुआ, तो कुछ देर में ही सही, लेकिन जिम्मेदारों तक इंफॉर्मेशन पहुंच जाती है। मगर अनमैंड प्लेसेज की कंडीशन में मुश्किलें बढ़ जाती हैं। मगर इस इक्विमेंट के जरिए जैसे ही कहीं पर भी सर्किट में प्रॉब्लम आती है और सिग्नल फेल होता है, तो इसकी सूचना तत्काल जिम्मेदारों को मिल जाएगी। इससे तत्काल सर्विस और रिपेयरिंग कराई जा सकेगी, जिससे कि फेल्योर को रिकवर करने का टाइम कम हो सकेगा।

सिस्टम की हाईलाइट्स

- एस एंड टी इक्विपमेंट्स की रिमोट मॉनीटरिंग के लिए यह सिस्टम काफी मददगार होगा।

- उन स्पॉट्स पर मॉनीटरिंग में ज्यादा मदद मिलेगी, जिसमें इंटरमीडिएट हट, ओएफसी केबल हट और इंटरलॉक गेट्स की मॉनीटरिंग में मदद मिलेगी।

- फेल्योर का टाइम होगा कम।

- एक सिस्टम में 24 चैनल हैं, जिन्हें जरूरत के मुताबिक प्रोग्राम किया जा सकता है।

- एक साथ 15 नंबर को एसएमएस अलर्ट भेजने की होगी व्यवस्था।

वर्जन

सिगनल मॉनीटरिंग सिस्टम को मगहर और खलीलाबाद के बीच में इंस्टॉल किया गया है। टेस्टिंग की जा रही है। अगर कामयाब रहा तो बाकी जगह पर भी इसे जरूरत के हिसाब से इंस्टॉल किया जाएगा।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive