जल्द ही देश के प्रमुख शहरों में नई सार्वजनिक बसें दौड़ेंगी. केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी रीन्यूवल मिशन जेएनएनयूआरएम के तहत देश के तमाम शहरों के लिए दस हजार बसों को खरीदने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस पर कुल 6300 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसका बड़ा हिस्सा करीब 4450 करोड़ रुपये केंद्र की तरफ से उपलब्ध कराए जाएंगे.


सीसीईए की तरफ से मंजूरी


आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की तरफ से मंजूर इस कदम के दोहरे फायदे हैं. एक तो शहरों में आवागमन की सुविधा बेहतर होगी. जिसका फायदा कांग्रेस आगामी चुनाव में उठाने की कोशिश करेगी. दूसरा फायदा यह है कि मंदी से त्रस्त ऑटोमोबाइल उद्योग को एक साथ दस हजार बसों का आर्डर मिलेगा. जुलाई, 2013 में बसों सहित तमाम वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 20 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. 2008-09 की मंदी के दौरान भी सरकार ने जेएनएनयूआरएम के तहत दस हजार बसें खरीदने का एलान किया था. इससे टाटा, अशोक लीलैंड, महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों को खासा फायदा हुआ था. इस बार इनमें से दो हजार बसें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए खरीदी जाएंगी. योजना के तहत छोटे शहरों को बस खरीदने के लिए एक करोड़ रुपये और बड़े शहरों को बीस करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. बीमार सरकारी कंपनियों को मिलेंगे 128.26 करोड़कर्मचारियों के वेतन-भत्ते को मंजूरी

सीसीईए की मंगलवार को हुई बैठक में बीमार सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन-भत्ते आदि के भुगतान के लिए 128.26 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी गई. इससे एचएमटी, हिंदुस्तान केबल्स, एचएमटी (वाचेज), त्रिवेणी स्ट्रक्चर लिमिटेड, तुंगभद्रा स्टील, नेपा लिमिटेड, हिंदुस्तान फोटो सहित कई अन्य कंपनियों के कर्मचारियों के बकाये वेतन-भत्ते आदि का भुगतान हो सकेगा. कर प्रशासन सुधार आयोग के गठन को हरी झंडीकैबिनेट की अलग से हुई बैठक में कर प्रशासन सुधार आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यह आयोग देश के कर ढांचे को मजबूत करने और उसमें आवश्यक सुधार लाने के लिए सुझाव देगा. आयोग के गठन की घोषणा वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आम बजट में की थी.कोलकाता में पेयजल गुणवत्ता केंद्र को मंजूरीकैबिनेट ने मंगलवार को कोलकाता में पेयजल की गुणवत्ता परखने व जांच करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. यह केंद्र पेयजल नीति बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को आवश्यक मदद भी उपलब्ध कराएगा. इसके गठन पर 176.64 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh