Nirbhaya Case निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा से बचने के लिए अब दोषी अक्षय ने मंगलवार को एक क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। बीती 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों में से दो की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी है।


नई दिल्ली (एएनआई/पीटीआई)। Nirbhaya Case देश को झकझोर कर रख देने वाले साल 2012 के निर्भया मामले में अब दोषी अक्षय ने फांसी से बचने के लिए याचिका दायर की है। अक्षय ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। इस मामले में चार लोगों मुकेश कुमार सिंह, पवन कुमार गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 1 फरवरी को सुबह फांसी होनी है। अक्षय से पहले विनय शर्मा और मुकेश कुमार ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी, लेकिन बीते 14 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई थीं। विनय और मुकेश कुमार की क्यूरेटिव पिटीशन हुई थी खारिज


आरोपी विनय और मुकेश कुमार की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन पर जस्टिस एन वी रमना, अरुण मिश्रा, आर एफ नरीमन, आर बनुमथी और अशोक भूषण की पीठ ने फैसला सुनाते हुए उन्हें खारिज कर दिया था। इसके बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष मर्सी पिटीशन दायर की है जो खारिज हाे चुकी है। वहीं इस मामले के एक अन्य पवन गुप्ता, जिनके खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने मौत का वारंट जारी किया है, ने क्यूरेटिव याचिकाएं दायर नहीं की हैं। क्यूरेटिव पिटीशन अदालत में शिकायतों के निवारण के लिए उपलब्ध अंतिम न्यायिक सहारा होता है।

राष्ट्रपति आजीवन कारावास की सजा देने का पाॅवर रखते हैं
क्यूरेटिव पिटीशन पर निर्णय जजों द्वारा चेंबर में किया जाता है।वहीं दूसरी ओर मर्सी पिटीशन यानी कि दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष दायर की जाती है। इसमें राष्ट्रपति आजीवन कारावास की सजा देने का पाॅवर रखते हैं। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। उसकी 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में माैत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

Posted By: Shweta Mishra