- पिछले दो महीने से वकीलों की हड़ताल से हुआ काफी नुकसान

- सिविल मामलों में 1500 केस नहीं जा सके कोर्ट में

- औसतन हर रोज 12 हजार रुपए वकीलों की फीस का हुआ नुकसान

- जिला बार और मेरठ बार को मिलाकर मेरठ में कुल 4900 वकील

Meerut : फ् जनवरी को वेस्ट यूपी हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि वकीलों की हड़ताल जारी रहेगी या नहीं। इतना तो साफ हो गया है कि अब वकील बिल्कुल भी झुकने के मूड में नहीं लग रहे हैं। कोर्ट के विंटर वैकेशन से पहले वकीलों की हड़ताल को करीब दो महीने हो चुके हैं। इन दो महीने में एक भी वकालतनामा कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। उन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, जिन्हें अपने परिजनों की बेल करानी थी। ऐसा नहीं है कि नुकसान सिर्फ आम लोगों को ही हुआ है। वेस्ट यूपी के जिला न्यायालयों में वकालत करने वाले उन हजारों वकीलों को भी नुकसान हुआ फीस अपने परिवार को पाल रहे हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि इन दो महीनों में क्या नुकसान हुआ

करीब भ् हजार बेल लटके

अगर क्राइम से जुड़े मामलों की बात करें तो वकीलों की हड़ताल से करीब पांच हजार जमानत पूरी तरह से लटक चुकी है। ये वो बेल हैं, जिनका वकालतनामा हड़ताल की वजह से ही कोर्ट में पेश नहीं हो सका। मेरठ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें तो जिला जज के पास रोजाना तकरीबन ब्0 बेल के वकालतनामे आते हैं। ऐसे में दो महीने में क्0 दिन छुट्टियों के निकाल दें तो करीब ख्000 बेल के मामले आते। वहीं कैंपस में क्0 एसीजीएम कोर्ट हैं। एक एसीजीएम कोर्ट में म् बेल के मामले में आते हैं। क्0 में म्0 और भ्0 दिनों के हिसाब से फ्000 बेल के मामले में हो जाते हैं। इस तरह से कुल भ्000 बेल मामले में यूं ही लटके हुए हैं।

सिविल मामले भी कम नहीं

अगर बात दीवानी मामलों की करें तो वहां भी सैकड़ों की संख्या में दीवानी मामलों का वकालतनामा दाखिल नहीं हो सका। वकीलों की मानें तो वेस्ट यूपी की मांग को लेकर हुई हड़ताल के कारण कई मामलों को अपने पास रखा तो है, लेकिन वकालतनामा दाखिल नहीं किया हैं। बार के अनुसार हर रोज जिला जज और उसके अंडर में छह जजों के पास कुल फ्0 दीवानी मुकदमे आते हैं। ऐसे में इन दो महीनों में करीब क्भ्00 से क्700 दीवानी मसलों की सुनवाई तो दूर कोर्ट तक भी नहीं पहुंच चुके हैं।

फीस का भी कम नहीं हुआ नुकसान

वहीं वकीलों की फीस की बात करें तो वो भी नुकसान कम नहीं हुआ है। जिला बार के अनुसार जिला बार में 900 और मेरठ बार में ब्000 वकील रजिस्टर्ड हैं। डेली के मुताबिक हर वकील की एवरेज कमाई (फीस के तौर पर) 7 से क्ख् हजार रुपए होती है। ऐसे में इन भ्0 दिनों में एक वकील की फीस के नुकसान का आंकलन करें तो फ्.भ् लाख रुपए से लेकर म् लाख रुपए तक का नुकसान है। इससे सभी ब्900 वकीलों के नुकसान का आंकलन बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है।

फ्भ्0 घंटों की हड़ताल

वहीं अवकाश पड़ने से पहले वकीलों की हड़ताल को फ्भ्0 घंटे बीत चुके हैं। मेरठ बार एसोसिएशन संयुक्त सचिव की मानें तो दो महीने में भ्0 दिन वर्किंग थे। सुबह से दस बजे से कचहरी का काम शुरू हो जाता है। जो निरंतर भ् बजे तक चलता है। करीब 7 घंटे के वर्किंग ऑवर्स तक हम लगातार हड़ताल कर रहे हैं। ऐसे में भ्0 दिनों के हिसाब से हमारी इस हड़ताल को फ्भ्0 घंटे बीत चुके हैं।

वकीलों को हुए नोटिस भी जारी

ऐसा नहीं है कि इस पूरे आंदोलन ढील छोड़ी गई हो। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए, जिसमें वकीलों ने हड़ताल की परवाह न करते हुए वकालतनामा पेश भी किए। उन वकीलों पर मेरठ और जिला बार की ओर से नोटिस भी जारी किए गए और कार्रवाई भी की गई। वैसे इस मामले को कोई बार तूल देने को तैयार नहीं है। बार का कहना है कि उन वकीलों को समझा दिया गया है।

हमारा ये आंदोलन पब्लिक के लिए है। इसमें वकीलों का कोई निजी हित नहीं है। अगर बात फ् तारीख की करें तो मीटिंग में हड़ताल के घंटों को कम किया जा सकता है। ताकि पब्लिक के कचहरी में काम हो सके।

- धीरेंद्र दत्त शर्मा, अध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन

हर एक वकील की फीस उसकी फेस और एक्सपीरियंस वैल्यू के अकॉर्डिग होती है। ऐसे में अनुमान लगाना मुश्किल है। फिर भी दोनों बारों के मिलाकर एक वकील की पर डे एवरेज फीस की बात करें तो 7-क्ख् हजार रुपए होती है। इससे आप अंदाजा लगा सकता हैं। फिर भी वकील पब्लिक के हित के लिए ही इस आंदोलन को जारी रखे हुए हैं।

- सरताज आलम गाजी, संयुक्त सचिव, मेरठ बार एसोसिएशन

वकीलों के इस आंदोलन से पब्लिक को ही फायदा होगा। पब्लिक हमारे साथ है। अभी तक पब्लिक की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है। पब्लिक को पता है कि मेरठ का वकील जब काम पर लौटेगा तो उनके सारे काम आराम से हो जाएंगे।

- राम कुमार शर्मा, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन

Posted By: Inextlive