-प्रमुख सचिव गृह ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

-कोर्ट परिसर में कैमरे लगाने पर राज्य सरकार ने मांगा समय

ALLAHABAD: प्रदेश की जिला अदालतों में असलहों के साथ प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने इस आशय का हलफनामा मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किया। प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा ने सात जजों की वृहदपीठ को बताया कि सिर्फ उन्हीं पुलिसकर्मियों को अदालत परिसर में शस्त्र रखने की अनुमति दी गई है जो ड्यूटी पर होंगे या फिर कैदी की सुरक्षा में लगें होंगे। अदालतों की सुरक्षा और न्यायिक कार्य में व्यवधान के मुद्दे पर बैठी सात जजों की वृहद पीठ के समक्ष मंगलवार को राज्य सरकार ने अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

वीडियो कैमरे लगाने में कठिनाई

अपर महाधिवक्ता सीबी यादव एवं मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने जिला अदालतों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना को अमल में लाने के लिए समय मांगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश सरकार मानेगी किंतु कई जिलों में जनपद न्यायालय और कलेक्ट्रेट एक ही परिसर में स्थित होने से कठिनाइयां आ रही हैं। इन्हें अलग किए बगैर परिसर में प्रवेश नियंत्रण योजना को अमल में लाने में ि1दक्कत है।

जिला बार के सचिवों को नोटिस

वृहद पीठ में मुख्य न्यायाधीश डॉ। डीवाई चंद्रचूड, न्यायमूर्ति राकेश तिवारी, न्यायमूर्ति राजेश कुमार, न्यायमूर्ति वीके शुक्ल, न्यायमूर्ति अरुण टण्डन, न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता शामिल हैं। पीठ ने जिला बार एसोसिएशनों के सचिवों को नोटिस तामील कराने का आदेश दिया। याचिका की अगली सुनवाई ख्ख् अप्रैल को होगी। अधिवक्ताओं ने न्यायालय परिसर की निगरानी कैमरे से कराए जाने के मुद्दे पर अधिवक्ताओं ने न्याय कक्षों में भी कैमरे लगाने की मांग की जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने विचार करने का आश्वासन दिया। अधिवक्ताओं ने सुरक्षा चेकिंग की व्यवस्था पर सहमति दी किंतु कहा कि वादकारियों को बिना प्रवेश पास के अधिवक्ता चेम्बरों तक आने दिया जाए। न्यायालय भवन परिसर में प्रवेश पास अनिवार्य किया जाए।

कचहरी में बवाल पर सरकार से जवाब तलब

अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने जिला कचहरी में बिना अनुमति पुलिस प्रवेश एवं तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग की। हाई कोर्ट ने इलाहाबाद कचहरी की घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में घटना में जिलाधिकारी एवं एसएसपी की भूमिका की जांच कर कार्यवाही की मांग की गयी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने बहस की। याची का कहना है कि बिना जिला जज की अनुमति लिए कचहरी में भारी पुलिस प्रवेश में मारपीट पर पुलिस पर कार्यवाही नहीं की गयी। जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

Posted By: Inextlive