देश में लोकतंत्र की मांग करने पर चीन की सरकार ने नोबेल पुरस्कार विजेता लियू शियाबो को नजरबंद कर दिया था। शियाबो कैंसर से पीडि़त थे। लियू को जीवत रखने के लिये डॉक्‍टरों ने उन्‍हें कृत्रिम वेंटिलेशन पर रखने की मांग भी की थी पर उनके परिवार ने ऐसा करने से मना कर दिया था।

सामाजिक कार्यकर्ता थे लियू
नोबेल पीस प्राइज से सम्मानित कैंसर पीडि़त सामाजिक कार्यकर्ता लियू शियाबो ने आखिरकार चीन के अडिय़ल रुख के कारण दम तोड़ दिया। गुरुवार को उन्होंने आखिरी सांस ली। गौरतलब है कि 1938 में नाजियों की नजरबंदी में मारे गए कार्ल वोन ओसीत्सकी के बाद ये अब तक का पहला मामला है जब कोई नोबेल प्राइज विजेता की इस प्रकार नजरबंदी में मौत हुई है। 61 साल के लियू कैंसर से ग्रस्त थे और उनकी मौत की वजह मल्टिपल ऑर्गन फेलियर बताई जा रही है।
61 साल की उम्र में हुई मौत
देश में लोकतंत्र की मांग करने वाले शियाबो का कैंसर अंतिम चरण में पहुंच चुका था और उनकी हालत गंभीर थी। उन्होंने इलाज के लिए विदेश भेजे जाने की अनुमति मांगी थी, जिसे चीन ने खारिज कर दिया था। उनकी हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी और इंटरनेशनल प्रेशर के बावजूद चीन अपने अडि़यल रुख से कायम रहा। ऐसे में, इस घटना के सामने आने के बाद न केवल चीन बल्कि पूरी दुनिया में चीनी सरकार की नीतियों के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra