रेप मामले में डेरा सच्चा सौदा के मुखिया राम रहीम को 20 साल की सजा मिलने के बाद आज हरियाणा के रामपाल पर हिसार की जिला अदालत में फैसला सुनाया गया। रामपाल को दो मामलों में जज ने बरी कर दिया है जबकि उस पर दर्ज अन्‍य मामलों में सुनवाई जारी रहेगी।

दर्ज हैं ये मामले
रामपाल के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है। इसी मामले में वह करीब तीन साल से जेल में हैं। 2006 में रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। रामपाल ने स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर टिप्पणी की थी जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक शख्स की मौत हो गई थी।  2013 में एक बार फिर से आर्य समाजियों और रामपाल के समर्थकों के बीच हुई झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 100 लोग घायल हो गए। इसके अलावा रामपाल पर पुलिस और कोर्ट के काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप है। रामपाल पर दुष्कर्म का भी आरोप है। उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को आश्रम से कई प्रेग्नेंसी किट मिली थीं।
रामपाल पर चल रहा है हत्या का मुकदमा
2014 में हत्या के मामले में रामपाल को 43 बार कोर्ट ने हाजरी देने का सम्मन भेजा पर वो नहीं आया। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस हिसार के बरवाला वाले आश्रम पहुंची थी। रामपाल फिलहाल जेल में है। उसे 2014 में गिरफ्तार किया गया था। 67 साल के रामपाल पर मर्डर का भी एक केस है। रामपाल पर दो केस हैं। पहला धारा 186, 332 और 353 के तहत दर्ज है। वहीं दूसरा रामपाल और पुरुषोत्तम दास, राज कुमार, मोहिंदर सिंह, राजेंद्र सिंह, राहुल और 30-40 लोगों के खिलाफ है। वे सभी रामपाल के समर्थक बताए जाते हैं। बरवाला थाना में रामपाल के खिलाफ मुकद्दमा नंबर 426 व 427 दर्ज किया गया था।
इस मामले से बरी हुआ राम पाल
एफआईआर नंबर 426 और 427 के तहत दर्ज केस पर जज मुकेश कुमार ने सुनवाई के बाद रामपाल को बरी कर दिया। हिसार सेंट्रल जेल नंबर-1 से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रामपाल ने इस कार्यवाही में हिस्सा लिया। इस फैसले के मद्देनजर हिसार में धारा 144 लागू कर दी गई थी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए  गए थे। हिसार शहर की सीमाएं सील कर दी गई थीं।
इन मामलों में सुनाई जा सकती है सजा
रामपाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर नंबर 201, 426, 427 और 443 के तहत पेशी हुई थी। कोर्ट ने एफआईआर नंबर 426 और 427 का फैसला सुरक्षित रख लिया था। रामपाल पर एफआईआर नंबर 426 में सरकारी कार्य में बाधा डालने और 427 में आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज है। एफआईआर नंबर 426 आइपीसी की धारा 323 में 1 साल कैद, धारा 353 में 3 साल कैद, धारा 186  में 3 साल कैद और धारा 426 में 3 माह कैद के तहत दर्ज है। एफआईआर नंबर 427 धारा 147 में 1 साल कैद, धारा 149, धारा 188 और धारा 342 के तहत दर्ज है।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra